FATF praised ED: FATF ने ED की प्रशंसा की, केजरीवाल-सिसोदिया ने क्यों की आलोचना? समझें पूरा मामला
FATF praised ED: हाल ही में, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के काम की प्रशंसा की है। FATF एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो वित्तीय अपराधों, जैसे धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए कार्य करता है। इसने भारत के एंटी-मनी लॉंडरिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण प्रणाली की सराहना की है। FATF की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 2023 के बीच, ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंडरिंग एक्ट (PMLA) के तहत 16,537 करोड़ रुपये जब्त किए।
केजरीवाल-सिसोदिया की जमानत और ED की कार्रवाई
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हाल ही में ED के मामले में जेल से लौटे हैं। ऐसे में विपक्ष ने ED पर आरोप लगाया है कि वह केवल विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रहा है। जबकि FATF ने उसी ED की सराहना की है।
आतंकवाद के वित्तपोषण पर कड़ी कार्रवाई
FATF की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ED ने न केवल PMLA के तहत काम किया, बल्कि सीमा पार लेनदेन और हवाला व्यवसाय के खिलाफ भी ठोस कदम उठाए हैं। NIA के साथ मिलकर, ED ने देश में आतंकवाद के वित्तपोषण पर भी सख्त कार्रवाई की। रिपोर्ट में बताया गया है कि ED ने बेनामी लेनदेन अधिनियम और आयकर अधिनियम के तहत कई महत्वपूर्ण कार्रवाई की और कई आरोपियों की संपत्ति जब्त की।
FATF द्वारा उल्लेखित चार प्रमुख मामले
मंगलुरु धमाका: ED ने इस मामले में वित्तीय ट्रेल का पता लगाया, जिसमें आतंकवादी वित्तपोषण के लिए आठ अलग-अलग वर्चुअल एसेट ट्रांसफर का उपयोग किया गया।
PFI का वित्तपोषण: जांच में पता चला कि PFI का ISIL के साथ संबंध है। ED ने तीन सौ बैंक खातों का पता लगाया जो 22 अलग-अलग शाखाओं में खोले गए थे। इस खुलासे के बाद, PFI को पांच वर्षों के लिए प्रतिबंधित किया गया।
विजय माल्या मामला: माल्या वर्तमान में विदेश में हैं, लेकिन 2019 में भारत लाने का रास्ता साफ हो गया था। हालांकि, ब्रिटेन में कानूनी प्रक्रिया में देरी के कारण वह अभी तक नहीं आ सके।
कश्मीर में आतंकवाद का वित्तपोषण: NIA द्वारा 2017 में दर्ज FIR में, ED ने अलग से ECIR दर्ज की और आतंकवाद के वित्तपोषण के पैसे के ट्रेल का पता लगाया, जिसके बाद यासीन मलिक को 2022 में गिरफ्तार किया गया।
ED की जानकारी हासिल करने की प्रक्रिया
FATF ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में बताया है कि ED पैसे शोधन के मामलों में अधिकतम जानकारी कैसे हासिल करता है। मीडिया रिपोर्ट्स, सोशल मीडिया टिप्पणियाँ, खुफिया जानकारी और शिकायतें इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, “ED के द्वारा सबसे बड़े पैसे शोधन जांच खुली स्रोतों से की जाती हैं; सामान्य जनता से मिली जानकारी, मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल नेटवर्क्स से प्राप्त जानकारी CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम) डेटाबेस और LEAs (कानून प्रवर्तन एजेंसियों) की धन शोधन रिपोर्ट के माध्यम से सत्यापित की जाती है।”
भारत के लिए FATF की सिफारिशें
FATF ने भारत को “महत्वपूर्ण सुधार” लाने की सिफारिश की है ताकि ऐसे मामलों में अभियोजन को मजबूत किया जा सके। इसका मतलब है कि भारत को अपनी वित्तीय अपराधों के खिलाफ लड़ाई को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई नीतियाँ और प्रक्रिया विकसित करनी होंगी।