Kanpur: गणपति विसर्जन के दौरान गुलाल फेंकने को लेकर हिंसा, पुलिस ने की कार्रवाई
Kanpur, उत्तर प्रदेश में गणपति विसर्जन के दौरान गुलाल फेंकने को लेकर एक हिंसक घटना सामने आई है। यह घटना ख्यौरा गांव, गंगा बैराज के पास हुई, जहां गणपति की मूर्ति विसर्जन के लिए जा रहे लोगों ने गुलाल फेंका, जो कुछ राहगीरों की आंखों में चला गया। इससे उनकी आंखों में जलन हो गई और उन्होंने गुलाल फेंकने वाले लोगों से आपत्ति जताई। इस पर दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हुआ, लेकिन मामला शांत हो गया। हालांकि, जब विसर्जन के बाद लोग लौट रहे थे, तो 30-40 लोगों ने उन पर हमला कर दिया। महिलाओं और लड़कियों को भी नहीं बख्शा गया।
घटना का विवरण:
रविवार रात को कुछ लोग काकादेव से एक लोडर पर गणपति की मूर्ति विसर्जन के लिए गए थे। जब उनका समूह ख्यौरा गांव के पास गंगा बैराज के निकट से गुजर रहा था, तो उन्होंने गुलाल फेंका। इस गुलाल की वजह से सड़क पर चल रहे कुछ लोगों की आंखों में गुलाल चला गया, जिससे उनकी आंखों में जलन हो गई। उन्होंने समूह को रोककर इस पर विरोध जताया। कुछ समय बाद मामला सुलझ गया और समूह आगे बढ़ गया।
हिंसा का दौर:
विसर्जन के बाद, जब समूह वापस लौट रहा था, तो 30-40 लोगों ने उन्हें करबला चौक के पास रोक लिया। अचानक, उन्होंने समूह पर हमला कर दिया। हमलावरों ने महिलाओं और लड़कियों को भी पीटा। इसके बाद वे वहां से फरार हो गए। पीड़ितों ने घटना की रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज करवाई।
पुलिस की कार्रवाई:
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। पीड़ितों का कहना है कि हमलावर नशे की हालत में थे और उन्होंने सभी को बुरी तरह से पीटा। हमले में गौतम, रोहन, शिवा, जतिन, साक्षी, और वरक्षा, काकादेव के निवासी घायल हुए हैं।
एडीसीपी का बयान:
इस मामले में एडीसीपी महेश कुमार ने कहा कि नवाबगंज पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी की तलाश की जा रही है।
स्थिति का विश्लेषण:
यह घटना गणपति विसर्जन जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक अवसर पर हुई हिंसा की गंभीरता को दर्शाती है। गुलाल फेंकने के दौरान की गई गलती ने न केवल झगड़े को जन्म दिया बल्कि हिंसक हमले का कारण भी बना। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारियां इस बात को स्पष्ट करती हैं कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन तत्पर है। हालांकि, ऐसी घटनाएं सामाजिक शांति और सांस्कृतिक आयोजनों की गरिमा को नुकसान पहुंचाती हैं।
भविष्य की राह:
इस घटना से सबक लेते हुए, यह आवश्यक है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान संयम और एक-दूसरे के प्रति सम्मान बनाए रखा जाए। प्रशासन और स्थानीय नेताओं को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और सभी त्योहार शांति और हर्षोल्लास के साथ मनाए जा सकें।