धूमधाम से मनाया गया 48 वां जश्ने इमाम हुसैन, शायरों ने पेश किये अपने कलाम
मंगलौर। (शालू गोयल) रहबर ए इंसानियत शहीद ए आज़म नवास ए रसूल हजरत इमाम हुसैन के जन्मदिवस के अवसर पर 48 वां अखिल भारतीय जश्ने हजरत इमाम हुसैन अकीदत के साथ मनाया गया जिसमें देश के नाम चीन शायरों के अलावा अनेक राजनीतिक हस्तियों तथा विभिन्न धर्म गुरुओं द्वारा भाग लिया गया जिनके द्वारा हजरत इमाम हुसैन को अपने-अपने अंदाज में श्रद्धा सुमन अर्पित किए गये। उलेमा हजरात ने हज़रत इमाम हुसैन के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला साथ ही उनके मार्ग पर चलने का भी आह्वान किया।
नगर के मौहल्ला पठानपुरा स्थित दरबार ए हुसैन में गुरुवार की शाम 48 वां अखिल भारतीय जश्ने हजरत इमाम हुसैन का आयोजन वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैयद अली हैदर जैदी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत कलामे पाक के साथ मौलाना सैयद मेराज मेहंदी द्वारा की गई जिसके बाद पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में नात-ए-पाक बुजुर्ग शायर हैदर किरतपुरी ने पेश की। महफिल की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ धर्म गुरु मौलाना सैयद नईम अब्बास द्वारा अपने संबोधन में हजरत इमाम हुसैन के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला गया उन्होंने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन इंसानियत के अलमदार हैं उनके द्वारा इंसानियत को बचाने के लिए अपनी कुर्बानी पेश की गई आज पूरी दुनिया में इंसानियत बाकी है तो वह हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी का ही नतीजा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले लोग कभी भी गुमराह नहीं हो सकते इमाम हुसैन ने सच्चाई का रास्ता दिखाया यदि उनके रास्ते पर चला जाए तो कोई भी व्यक्ति घूम रहा नहीं होगा तथा समाज में एकता भाईचारा बढ़ेगा इसके साथ ही नफरतों को जो बाजार कुछ लोग गर्म रखते हैं वह भी समाप्त हो जाएगा क्योंकि इमाम हुसैन का मार्ग सच्चाई और ईमानदारी का है। इसके बाद विभिन्न शायरों ने अपने कलाम हजरत इमाम हुसैन की शान में पेश किये। कार्यक्रम में पूर्व सीएम हरीश रावत ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में भाग लिया उनके द्वारा इस अवसर पर एक पुस्तक कभी भी मोचन किया गया जिसको वरिष्ठ शायर प्रोफेसर नाशिर नकवी द्वारा लिखा गया है। इसके अलावा कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मिर्जा यासूब अब्बास, दिल्ली विधानसभा के पूर्व विधायक सैयद हसन अहमद, जिला पंचायत हरिद्वार के पूर्व उपाध्यक्ष राव अफाक अली, कार्यक्रम के कन्वीनर सैयद कौसर जैदी कैरानवी, शबीह हैदर जैदी, रईस हैदर जैदी, रौनक जैदी, अली मेहंदी, काजिम रजा जैदी, यावर अब्बास जैदी, शायान हैदर जैदी, मौलाना मुस्तफा हुसैन, मौलाना जफर अब्बास, मौलाना सलीम हैदर, मौलाना इकबाल हैदर, मौलाना मुराद अली, मौलाना गुलाम मोहम्मद सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
———— इन शायरों ने पेश किये कलाम।
नाशिर नकवी, सरवर नवाब सरवर लखनऊ, शहजादा गुलरेज रामपुरी, डॉ नायर जलालपुरी,शरर नकवी, हिलाल लखनवी, किरतास कर्बलाई, राजि बिसवानी, सलीम बलरामपुरी, खुर्शीद मुजफ्फरनगरी, फैयाज रायबरेली, चंदन फैजाबादी, तालिब कानपुरी, नजफ अतरौलवी, शम्स तबरेज, अकील नोमानी