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Camp: मंगलौर। मधुमक्खी पालन को लेकर चल रहे सात दिवसीय शिविर का विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर समापन किया गया।

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मंगलौर के देवबंद मार्ग स्थित सनलाइट इंडिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी मैं चल रहे सात दिवसीय जैविक विधि और वैज्ञानिक विधि द्वारा मधुमक्खी पालन शिविर का शनिवार को प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर समापन किया गया इस अवसर पर कंपनी के सीईओ योगेंद्र पूनिया ने बताया कि कंपनी कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत काम कर रही है उन्होंने उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से आए प्रशिक्षुओं को मधुमक्खी पालन से होने वाली आय और फसलों में पढ़ने वाली उपज के बारे में बताया उन्होंने बताया कि मधुमक्खी द्वारा अन्य उत्पाद जैसे मोम, पोपलिस, रॉयल मैं भी किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन से किसान अपनी फसलों के उत्पाद बढ़ाने और उससे आमदनी कैसे बढ़ाई जा सकती है। बताया कि मधुमक्खी द्वारा पर परायण द्वारा फसलों में बढ़ने वाली उपज में मदद की जाती है। कंपनी के निदेशक प्रेमपाल सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि मधुमक्खी और हमारा जीवन का संबंध शहद के अतिरिक्त मधुमक्खी के अन्य उत्पाद से जुड़ा हुआ है। मधुमक्खी पालन से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के साथ ही उत्तराखंड के लिए भारत सरकार कई योजनाएं चला रही है जिससे उत्तराखंड के किसानों की आमदनी में वृद्धि हो सकती है उन्होंने मधुमक्खी और प्रकृति के संबंध को भी विस्तार से बताया। समापन शिविर में प्रशिक्षण लेने पहुंचे 25 प्रशिक्षुओं को मुख्य अतिथि चौधरी राममूर्ति लोहान और विशिष्ट अतिथि चौधरी हर्षवर्धन राठी द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए। अवसर पर प्रवीण पवार, जयदेव सिंह डोभाल, माधव पवार महेंद्र सिंह, अशरफ अली आदि मौजूद रहे।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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