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Uttarakhand: धामी कैबिनेट में बदलाव की सुगबुगाहट, निकाय चुनाव में मंत्री-विधायकों के ‘दमखम’ पर टिका कैबिनेट फेरबदल

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देहरादून । प्रदेश के 11 नगर निगमों में मेयर के 10 पद जीतने वाली भाजपा के कई मंत्रियों व विधायकों के क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन से कैबिनेट फेरबदल की सुगबुगाहट एक बार फिर तेज हो गयी है।

क्षेत्र में जनता की नाराजगी और 2027 के विधानसभा चुनाव में पड़ने वाले असर को देखते हुए भाजपा में नये चेहरों को कैबिनेट में शुमार किये जाने की संभावना बनती नजर आ रही है।

नगर निकाय में निर्दलीयों व बागियों की जोरदार जीत से भाजपा के साथ कांग्रेस के टिकट वितरण फार्मूले को कई निकाय में गहरा धक्का लगा है।

निकाय चुनाव परिणाम में गढ़वाल क्षेत्र के मंत्री धन सिंह रावत, सतपाल महाराज व सुबोध उनियाल के इलाके में भाजपा उम्मीदवार कांग्रेस व निर्दलीय उम्मीदवार से हार गए।

हालांकि, विवादों व चर्चाओं में रहे मंत्री गणेश जोशी मसूरी व प्रेम अग्रवाल ऋषिकेश सीट पर भाजपा जीत गयी। बेहद कम अंतर से जीत के बाद ऋषिकेश और पिथौरागढ़ नगर निगम सीट पर 2027 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को एक दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा हाईकमान कुछ समय बाद धामी मन्त्रिमण्डल के विस्तार को हरी झंडी दे सकता है। मंत्रियों और विधायकों की चुनावी परफार्मेंस की इस नये विस्तार में अहम भूमिका रहेगी।

नयी धामी टीम का हिस्सा कौन बनेगा: 

सूत्रों का कहना है कि 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुछ नये चेहरे मंत्रिमंडल का हिस्सा बनेंगे। बीते कुछ सालों में विभिन्न कारणों से जिन मंत्रियों की साख कम हुई या जनता जिन प्रतिनिधियों को लेकर खासी मुखर रही हो। ऐसे मंत्रियों को किनारे बैठाया जाएगा। कुछ नये व कुछ अनुभवी चेहरों को भी जगह मिलेगी।

देखें निकाय चुनाव में दलीय प्रदर्शन: 

हालिया सम्पन्न निकाय चुनावों में निर्दलीय व बागियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

यही कारण रहा कि सात निगमों में सत्तारूढ़ भाजपा को सभासद वार्ड में बहुमत नहीं मिला। राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार नगर प्रमुख/अध्यक्ष के कुल 100 पदों में से भाजपा 42, निर्दलीय 29, कांग्रेस 27 व बहुजन समाज पार्टी 2 सीट जीतने में सफल रही। इनमें से नगर निगम के नगर प्रमुखों (मेयर) के 11 पदों में से 10 पर भाजपा को जीत मिली हैं जबकि श्रीनगर की सीट निर्दलीय द्वारा जीती गयी है।

नगर पालिका अध्यक्ष के 43 पदों में से भाजपा केवल 17, निर्दलीय 13, कांग्रेस 12 व 1 सीट बहुजन समाज पार्टी ने जीती। नगर पंचायत अध्यक्ष की 46 सीट पर भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय क्रमशः 15-15-15 सीट जीती। जबकि 1 पर बहुजन सामज पार्टी को जीत मिली है। 11 में से 7 निगमों में भाजपा के पार्षदों का बहुमत न होने के चलते वहां वह अपने तरीके से नगर की सरकार नहीं चला सकेगी। 11 में से केवल 4 नगर निगमों में ही भाजपा को पार्षदों की आधे से अधिक सीटें मिली हैं। जिसमें रूद्रपुर में 40 में से 21, रूड़की में 24, देहरादून में 100 में से 63 तथा हरिद्वार में 60 में से 40 पार्षद शामिल हैं।

अन्य 40 पार्षदों वाले निगमों में काशीपुर में 19, अल्मोड़ा में 15, ऋषिकेश में 18, श्रीनगर में 16 तथा कोटद्वार में 18 पार्षद ही भाजपा के जीते हैं जबकि 60 पार्षदों वाले हल्द्वानी में भाजपा के एक तिहाई 20 पार्षद ही जीत सके हैं। सभासद/सदस्यों के कुल 1282 पदों में से 1280 में चुनाव हुआ हैं जिसमें से आधे से कम 445 में ही भाजपा को जीत मिली हैं जबकि कांग्रेस को 169, निर्दलीय को 651, बसपा व अन्य को 2-2 तथा उक्रांद को 1 सीट पर जीत मिली है। नगर पालिका परिषद के 444 सदस्यों में से 129 पर ही भाजपा जीत सकी हैं, जबकि 269 पर निर्दलीय तथा 46 पर कांग्रेस जीती।

नगर पंचायत सदस्यों के 297 पदों में से 67 पर ही भाजपा को जीत मिली । 37 पर कांग्रेस तथा 190 पर निर्दलीय 2 पर आप तथा 1 पर बसपा को जीत मिली है। जिलावार प्रदर्शन में भी अधिकतर जिलों में भाजपा या किसी भी राजनैतिक दल का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। अल्मोड़ा जिले में नगर प्रमुख/अध्यक्ष के 5 पदों में से 3 पर कांग्रेस तथा 2 पर भाजपा ने जीत हासिल कर है। सभासद/सदस्यों में 58 में से 18 पर भाजपा जीती जबकि 40 पर निर्दलीय जीते हैं। बागेश्वर जिले में अध्यक्ष के 3 पदों में से 2 पर भाजपा 1 पर कांग्रेस जीती जबकि सभासद/सदस्यों के 25 में से 14 पर भाजपा 6 पर कांग्रेस तथा 1 पर निर्दलीय जीते हैं।

चमोली जिले में 10 अध्यक्षों में से 2 पर भाजपा, 6 पर कांग्रेस तथा 5 पर निर्दलीय जीते हैं। 63 सभासदों/सदस्यों में 24 भाजपा, 21 कांग्रेस तथा 18 पर निर्दलीयों को मिले हैंl चम्पावत के 4 अध्यक्षों में सभी में भाजपा को जीत मिली है जबकि 34 सदस्यों में से 10 पर भाजपा 23 पर निर्दलीय जीते हैं।देहरादून जिले में 7 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में से 5 भाजपा 1-1 कांग्रेस व निर्दलीय जीते हैं। सदस्य/सभासदों के 202 पदों में से 108 भाजपा 40 कांग्रेस तथा 54 निर्दलीय जीते हैंl हरिद्वार जिले में 14 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में 3 भाजपा 4 कांग्रेस 5 निर्दलीय 2 बसपा ने जीते हैं।

जबकि 231 सभासद/सदस्यों के पदों में से 87 भाजपा 27 कांग्रेस 113 निर्दलीय 2 बसपा तथा 2 आप ने जीते हैं। नैनीताल जिले में नगर प्रमुख/अध्यक्ष के 7 पदों में से भाजपा 1, कांग्रेस व निर्दलीय 3-3 पदों पर जीते हैं जबकि सदस्य/सभासद के 125 पदों में से 27 पर भाजपा 3 पर कांग्रेस 94 पर निर्दलीय तथा 1 उक्रांद ने जीते हैं। पौड़ी गढ़वाल के 7 प्रमुख/अध्यक्ष में से 1 भाजपा, 3-3 निर्दलीय व कांग्रेस को जीत मिली। जबकि 107 सदस्यों में से 43 भाजपा, 22 कांग्रेस तथा 42 निर्दलीय को मिले है। पिथौरागढ़ जिले के 6 अध्यक्षों मे से 2 भाजपा 3 कांग्रूेस तथा 1 पर निर्दलीय की जीत हुई।

जबकि सभासद/सदस्यों के 75 में से 11 भाजपा 3 कांग्रेस 61 निर्दलीय जीतेे है। रुद्रप्रयाग जिले के अध्यक्षों के 5 पदों में से 2 भाजपा 1 कांग्रेस तथा 2 निर्दलीयों को मिले हैं। जबकि 26 सदस्यों में से 3 भाजपा 1 कांग्रेस 22 निर्दलीय को मिले हैं। टिहरी गढ़वाल के 10 अध्यक्षों में 7 भाजपा, 3 कांग्रेस को मिले है। सदस्यों के 65 पदों में से 25 भाजपा 11 कांग्रेस 29 निर्दलीय जीते हैं। उधमसिंह नगर के 17 नगर प्रमुख/अध्यक्ष के पदों में से 10 भाजपा 1 कांग्रेस 6 निर्दलीय जीते हैं जबकि 230 सदस्य/सभासदों में से केवल 75 भाजपा 35 कांग्रेस तथा 120 निर्दलीय जीते हैं। (राज्य निर्वाचन आयोग)

Manoj kumar

Editor-in-chief

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