अपराध

Crime news: दोस्त के सिर पर हथौड़े से अनगिनत वार कर चेहरे को बुरी तरह कूचला, शव देख कांपी रुह 

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तीन साल से दोस्त थे अभिनव और हत्यारोपी 

मेरठ। रोहटा रोड वर्णिका स्टेट निवासी हत्यारोपी किशोर और अभिनव के बीच पिछले तीन साल से दोस्ती थी, दोनों में काफी गहरी दोस्ती थी, लेकिन किसी को क्या पता था कि यह दोस्ती सिर्फ यही तक सिमट के रह जाएगी। और एक दोस्त ही दूसरे दोस्त का कातिल बन जाएगा। चेहरा मासूम, उम्र 16 साल, लेकिन कारनामा पेशेवर अपराधी से भी ज्यादा क्रूर। आरोपी ने दोस्त अभिनव के सिर पर हथौड़े से अनगिनत वार किए। चेहरे को बुरी तरह कूच दिया। आंखें, दांत और सिर का पता ही नहीं चल रहा। जिसने भी अभिनव का शव देखा वह कांप गया।

दोनों अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते थे। आरोपी ने 12वीं और अभिनव ने 11वीं कक्षा में पंजीयन करा रखा था। वे आईआईटी की तैयारी कर रहे थे। दोनों साथ ही कोचिंग जाते थे।

आरोपी के मुताबिक, अभिनव ने उसके फोन से गर्लफ्रेंड के फोटो और वीडियो ले लिए थे। इनके नाम पर वह उसकी गर्लफ्रेंड को ब्लैकमेल करने लगा था। अभिनव को समझाया, मगर नहीं माना। तब हत्या की योजना बनाई। उसने हथौड़ा घर से ही बैग में रख लिया था। फिर अभिनव के साथ उसकी स्कूटी से कोचिंग के लिए निकला। बहाने से गढ़ रोड ले गया। वहां चकरोड से टयूबवेल के पास ले गया।

बातचीत के दौरान उसने थैले में पहले से रखा हथौड़ा निकालकर अभिनव के सिर और चेहरे पर ताबड़तोड़ वार किए। मौत होने पर भी सिर पर हथौड़े मारता रहा। हत्या कर वह देर शाम घर पहुंचा और रात को आराम से सो गया। उसे अपने किए पर पछतावा नहीं था। एसएसपी डॉ विपिन ताडा का कहना है कि चेहरे पर काफी प्रहार किए गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कई चोटें आई हैं।

देर शाम तक छात्र वापस नहीं आया तो परिजनों ने किशोर से पूछताछ की। इस पर किशोर ने बताया कि उसने अभिनव को बेगमपुल पर छोड़ दिया था। जहां से अभिनव अपने एक दोस्त के साथ चला गया। शक होने पर परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह बार-बार बयान बदलकर घटना की जानकारी देता। वह चार घंटे तक पुलिस को गुमराह करता रहा। सख्ती से पूछने पर उसने अपना जुर्म कबूल लिया। इसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर अभिनव का शव बरामद किया।

पूर्व सैन्य कर्मी का बेटा है हत्यारोपी
हत्यारोपी के पिता हवलदार के पद पर थे। तीन साल पहले ही रिटायर हुए हैं। वह मूल रूप से बागपत जिले के रहने वाले हैं। रिटायर होने के बाद उन्होंने वर्णिका स्टेट कॉलोनी में मकान बना लिया था।

पुलिस के कार्यशैली पर उठाए सवाल
परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर जमकर सवाल उठाए। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें बेटे का शव मोर्चरी भेजने के बाद जानकारी दी। इस दौरान पुलिस ने उन्हें लगभग तीन घंटे तक घटना के बारे में नहीं बताया। पिता सुनील ने बताया कि वह थाने पर लगभग पांच बजे अपने परिजनों के साथ गुमशुदगी दर्ज करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन थाने पर मौजूद पुलिसकर्मी ने उन्हें चौकी भेज दिया था। वहीं चौकी से वापस पीड़ित परिवार को थाने भेज दिया था। परिजनों के अनुसार वह कई समय तक चौकी से थाने और थाने से चौकी पर चक्कर लगाते रहे। पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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