Haridwar News: गंगा पर बनने जा रहा नया पुल, 107 करोड़ रुपये की लागत से हरिद्वार में बदलावलाभ
Haridwar News: हरिद्वार में गंगा नदी पर एक नया पुल निर्माण के लिए प्रस्तावित किया गया है, जिसकी अनुमानित लागत 107 करोड़ रुपये रखी गई है। यह पुल रामपुर रायघाट के पास लक्सर विधानसभा क्षेत्र में बनेगा और इसका निर्माण उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के सैकड़ों गांवों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। यह परियोजना मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत की जा रही है और इसके बनने से आसपास के क्षेत्रों में यातायात की समस्या में काफी सुधार होगा।
पुल के निर्माण से दूरी में होगी कमी
प्रस्तावित पुल के बनने से क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। वर्तमान में अगर कोई व्यक्ति नजीबाबाद से हरिद्वार पहुंचने के लिए जाता है, तो उसे 80 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। हालांकि, इस पुल के बनने से यह दूरी 55 किलोमीटर तक सिमट जाएगी, जिससे लोगों का समय और ईंधन दोनों बचेंगे। इसी तरह से, भोगपुर से हरिद्वार जाने के लिए 25 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। यह पुल न केवल उत्तराखंड के लोगों के लिए, बल्कि उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, पुल बनने से राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से पंजाब और हरियाणा जाने का रास्ता भी सीधा हो जाएगा। इससे यातायात में गति आएगी और समय की बचत होगी। पुल बनने से इन दोनों राज्यों से आने-जाने वालों को हरिद्वार और रूड़की से होकर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा और क्षेत्रीय निवासियों की मांग
मुख्यमंत्री ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर इस पुल के निर्माण की घोषणा की थी। इस पुल की मांग क्षेत्रीय निवासियों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी, क्योंकि इस क्षेत्र में यातायात की समस्या अक्सर बढ़ जाती है। हरिद्वार में मेला और अन्य त्योहारों के दौरान यहां आने-जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे यातायात में जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में पुल का निर्माण क्षेत्रवासियों और पर्यटकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।
हरिद्वार में गंगा नदी पर पहले से ही एक पुल बन चुका है, जो लक्सर से बिजनौर जिले के बीच यातायात को सुगम बनाता है। लेकिन अभी भी एक पुल की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जो रामपुर रायघाट के पास से जोड़ सके। इस पुल का निर्माण स्थानीय लोगों और आने-जाने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी सौगात होगी।
पुल निर्माण के लिए सरकार द्वारा भेजा प्रस्ताव
लोक निर्माण विभाग ने इस पुल के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार किया है और इसे सरकार को भेज दिया है। प्रस्ताव के अनुसार, इस पुल के निर्माण के लिए कुल 107 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट तय किया गया है। पहले चरण में, इस पुल के निर्माण के लिए 2 करोड़ 7 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है, जो सर्वेक्षण, व्यवहार्यता अध्ययन और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) जैसी प्रक्रियाओं के लिए होगा। इस प्रस्ताव के पास होते ही अगले चरण की तैयारियां शुरू की जाएंगी।
पुल निर्माण से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सैकड़ों गांवों को होगा फायदा
यह पुल न केवल हरिद्वार जिले के लिए, बल्कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अन्य गांवों के लिए भी एक महत्वपूर्ण विकास कदम साबित होगा। विशेषकर उन लोगों के लिए जो बीजकुंड, बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, देहरादून, रुड़की जैसे इलाकों से आते-जाते हैं। पुल के बनने से इन लोगों को यात्रा करने में बहुत ही आसानी होगी।
इसके अलावा, इस पुल के निर्माण से व्यापार और औद्योगिकीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे मालवाहन का संचालन भी सुगम होगा, जिससे दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा।
यातायात और जलवायु संकट को कम करेगा पुल
यह पुल क्षेत्र के लोगों को जलवायु संकट से भी राहत देने में मदद करेगा। पहले के मुकाबले, पुल बनने से लोगों को ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं की समस्या में कमी आएगी। विशेष रूप से गर्मी के मौसम में और धार्मिक आयोजनों के दौरान भारी भीड़ होने पर पुल की आवश्यकता और बढ़ जाती है।
समाजवादी दृष्टिकोण और सरकार की पहल
इस पुल के निर्माण से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि इससे क्षेत्र के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में भी मदद मिलेगी। हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल को जोड़ने वाला पुल स्थानीय व्यवसायों और उद्योगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
मुख्यमंत्री की इस पहल से स्पष्ट है कि सरकार राज्य के विकास को प्राथमिकता दे रही है और यह परियोजना राज्य के विकास में एक अहम भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री ने भी यह बयान दिया था कि इस पुल से सिर्फ यातायात की समस्या हल नहीं होगी, बल्कि यह क्षेत्र के नागरिकों की जीवनशैली को भी बेहतर बनाएगा।
हरिद्वार में गंगा नदी पर बनने वाला यह नया पुल न केवल उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच यातायात को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण कदम होगा। सर्दियों में गंगा नदी के किनारे भारी श्रद्धालुओं की आवाजाही और त्योहारों के दौरान होने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के रूप में यह पुल एक वरदान साबित होगा।
इस पुल के निर्माण से क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी और साथ ही यह दोनों राज्यों के बीच संपर्क और सहयोग को भी मजबूत करेगा। अगर यह परियोजना सफल होती है, तो यह हरिद्वार और आसपास के क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।