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Cyber crime: ऑनलाइन ठगों ने युवाओं को बनाया शिकार, साइबर धोखाधड़ी से लाखों रुपये गायब

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Cyber crime: इन दिनों साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ठग अपनी चतुराई और तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके लोगों को अपनी जाल में फंसाते हैं, और फिर उनका धन लूट लेते हैं। हाल ही में दो युवाओं ने साइबर ठगों द्वारा शिकार बनाए जाने के बाद साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई, जिसके कारण उनकी रकम में से कुछ पैसा फ्रीज हो गया, लेकिन पूरी रकम की वापसी अब तक नहीं हो पाई है।

धोखाधड़ी की पहली घटना: सचिन का मामला

दहौरेरा माफी, इज्जतनगर निवासी सचिन के साथ हुई साइबर धोखाधड़ी की घटना ने सभी को चौंका दिया। सचिन को एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें उसे टेलीग्राम के जरिए पैसे कमाने का लालच दिया गया। संदेश में एक लिंक भी दिया गया, जिस पर क्लिक करके सचिन को अपनी पूरी जानकारी भरने के लिए कहा गया।

सचिन के अनुसार, उसे बताया गया कि पैसे भेजे जाने से पहले उसे अपनी खाता संबंधित जानकारी भरनी होगी। सचिन ने बिना किसी संकोच के लिंक पर क्लिक किया और अपना बैंक खाता विवरण भर दिया। हालांकि, कुछ ही देर बाद सचिन के खाते से 1.40 लाख रुपये की राशि गायब हो गई। सचिन ने जब अपने ट्रांजैक्शन इतिहास को देखा, तो उसे समझ में आया कि वह साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गया है।

Cyber crime: ऑनलाइन ठगों ने युवाओं को बनाया शिकार, साइबर धोखाधड़ी से लाखों रुपये गायब

चिंता न करते हुए सचिन ने तुरंत साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद उसका 88 हजार रुपये का धन फ्रीज कर दिया गया। इस मामले में इज्जतनगर पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज की गई है, लेकिन अभी तक पूरी राशि की वापसी नहीं हो पाई है।

दूसरी घटना: नितेश की शिकायत

इसी तरह एक और मामला सामने आया है जिसमें कालीवाड़ी निवासी नितेश उर्फ नीटू के साथ धोखाधड़ी हुई। नितेश को अपने चेकबुक के बारे में एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें एक लिंक भी भेजा गया था। चूंकि यह संदेश उसके बैंक से संबंधित था, नितेश ने बिना किसी संदेह के लिंक पर क्लिक कर दिया।

लिंक पर क्लिक करते ही नितेश के खाते से 1 लाख रुपये की राशि डेडक्ट हो गई। जब नितेश को इस बारे में जानकारी मिली तो उसने तुरंत अपने ट्रांजैक्शन इतिहास की जांच की, जिससे उसे यह पता चला कि पैसे किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हो चुके थे। नितेश ने भी उसी समय साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई और उसकी राशि में से 88,451 रुपये फ्रीज कर दिए गए। इस मामले में भी बारादरी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है।

साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर पुलिस की चिंता

इन दोनों मामलों ने यह साबित कर दिया कि साइबर ठग कितने चालाक और सतर्क हो सकते हैं। आजकल ठगों ने अपने हथकंडे इतने सफाई से ढाल लिए हैं कि लोग अपनी गलती को पहचानने में देर कर देते हैं। यह मामला स्पष्ट रूप से दिखाता है कि जब तक ठगों का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आता, तब तक आम लोग इन्हें पहचान नहीं पाते।

पुलिस और साइबर विभाग अब इन प्रकार के धोखाधड़ी मामलों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंतित हैं। हालांकि, पुलिस ने दोनों मामलों में FIR दर्ज कर ली है, लेकिन अब तक दोनों युवाओं का धन वापस नहीं किया जा सका है। यह एक बड़ा सवाल है कि जब साइबर ठगों का पता चल चुका है, तो उनकी पहचान और पकड़ के लिए कड़े कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं।

ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के उपाय

साइबर ठगों से बचने के लिए कुछ जरूरी उपायों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। सबसे पहली बात यह है कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए, खासकर जब वह किसी अनजान नंबर या वेबसाइट से आया हो। यदि आपको कोई संदिग्ध संदेश प्राप्त होता है, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें और लिंक पर क्लिक करने से बचें।

इसके अलावा, अपने बैंक खाते की जानकारी को कभी भी किसी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करें, चाहे वह आपके दोस्त ही क्यों न हो। सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी अपनी निजी जानकारी को साझा करते समय सतर्क रहें।

साथ ही, यदि आपको कभी भी संदेह हो कि आपकी जानकारी चोरी हो सकती है या आपके खाते से धन निकाल लिया गया है, तो तुरंत अपने बैंक और साइबर पोर्टल से संपर्क करें और रिपोर्ट दर्ज कराएं। जितनी जल्दी आप कार्रवाई करेंगे, उतनी ही ज्यादा संभावना होगी कि आपका धन वापस किया जा सके।

पुलिस की जिम्मेदारी

पुलिस और साइबर विभागों को इस तरह की धोखाधड़ी से निपटने के लिए अपनी निगरानी और प्रयासों को और सख्त बनाना चाहिए। यह जरूरी है कि वे साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और उन्हें पकड़ने के लिए त्वरित कदम उठाएं। साथ ही, सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को साइबर धोखाधड़ी के बारे में और अधिक जानकारी प्रदान करें ताकि ऐसे मामले कम से कम हो सकें।

ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों ने यह साबित कर दिया है कि हमें अपने व्यक्तिगत डेटा और बैंक विवरणों के प्रति अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए। इस तरह के मामलों में साइबर पोर्टल पर शिकायत करना एक अच्छा कदम हो सकता है, लेकिन यह भी जरूरी है कि पुलिस और संबंधित विभाग समय पर कार्रवाई करें। आजकल के डिजिटल दौर में हमें खुद को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक रहना होगा और साइबर ठगों के हर कदम से सतर्क रहना होगा

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