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Uttarakhand Crime: नैनोली ग्राम पंचायत में बुजुर्ग महिला की गला घोंटकर हत्या, आरोपी पुत्र फरार

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Uttarakhand Crime: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के दन्या पुलिस थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक वृद्ध महिला को उसके ही पुत्र ने गला घोंटकर हत्या कर दी। घटना नैनोली ग्राम पंचायत के पचेल टोक गांव की है, जहां 62 वर्षीय गोपुली देवी का शव उनके घर में मिला। महिला के पति लीलाधर भट्ट काम के सिलसिले में हिमाचल प्रदेश गए हुए थे, जबकि घर पर गोपुली देवी और उनके छोटे बेटे गोकुल के अलावा कोई और नहीं था। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी गोकुल की तलाश शुरू कर दी है, जो घटना के बाद से फरार है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मृतक के परिजनों से लिखित शिकायत मिलने का इंतजार किया है।

घटना का विवरण और पुलिस जांच

घटना की जानकारी शनिवार को तब मिली, जब लीलाधर भट्ट अपने काम से वापस घर लौटे और उन्हें घर के अंदर अपनी पत्नी का शव पड़ा हुआ मिला। शव पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं थे, लेकिन पुलिस के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, महिला की हत्या गला घोंटकर की गई थी। सूचना मिलने के बाद दन्या पुलिस स्टेशन के निरीक्षक विजय नेगी और निरीक्षक भूवनेश जोशी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने तत्काल आरोपी के घर को सील कर दिया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अल्मोड़ा भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

Uttarakhand Crime: नैनोली ग्राम पंचायत में बुजुर्ग महिला की गला घोंटकर हत्या, आरोपी पुत्र फरार

आरोपी का विवरण और फरारी

पुलिस के मुताबिक, मृतक की उम्र 62 साल थी और उसका नाम गोपुली देवी था। वह अपने पति लीलाधर भट्ट और छोटे बेटे गोकुल के साथ रहती थी। लीलाधर भट्ट हिमाचल प्रदेश में मजदूरी करने जाते थे, जबकि उनका बड़ा बेटा अन्य जगह पर काम करता था। पुलिस ने बताया कि गोकुल का व्यवहार हमेशा से ही चंचल और अजीब था। गांववालों से पूछताछ के दौरान यह पता चला कि गोकुल का स्वभाव चंचल और हिंसक था, जिसके कारण अक्सर घर में विवाद होते रहते थे। पुलिस का कहना है कि गोकुल की मानसिक स्थिति सही नहीं थी, और इसी कारण से उसने अपनी मां के साथ क्रूरता की।

गोकुल की तलाश में पुलिस की टीम दिन-रात जुटी हुई है, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है और हर संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।

पुलिस जांच और आने वाली कार्रवाई

पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव को मृतक के परिजनों को सौंप दिया जाएगा। वहीं, गोकुल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को मृतक के परिजनों से लिखित शिकायत का इंतजार है। पुलिस ने इस मामले में पंचनामा भरा है और जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस ने घटना के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए गांववासियों से लगातार पूछताछ जारी रखी है। पुलिस की टीम ने आरोपी के घर को सील कर दिया है, और इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है।

फोरेंसिक टीम का सहयोग

पुलिस ने इस मामले में जांच के लिए फोरेंसिक टीम को भी बुलाया है। फोरेंसिक जांच से ही हत्या के कारण और आरोपी के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है। फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंचकर जांच कर रही है और मामले के तथ्यों को स्पष्ट करने की कोशिश कर रही है।

समाज में बढ़ता हुआ अपराध

यह घटना उत्तराखंड में बढ़ते हुए पारिवारिक अपराधों का एक और उदाहरण है। खासकर ग्रामीण इलाकों में पारिवारिक विवादों के कारण अपराध बढ़ रहे हैं। जहां एक तरफ समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर परिवार के सदस्यों द्वारा हत्या जैसी घटनाएं भी सुनने को मिल रही हैं। यह घटना यह दर्शाती है कि परिवारों में तनाव और विवादों का समाधान केवल संवाद और समझ से हो सकता है, ना कि हिंसा से।

आखिर क्यों हुई हत्या?

पुलिस के अनुसार, गोपुली देवी की हत्या का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि, गोकुल का स्वभाव चंचल और हिंसक था, इसके कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद परिवार में किसी छोटे या बड़े विवाद के कारण उसने अपनी मां की जान ले ली। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्दी ही हत्या के असली कारण का पता चल सकता है।

इस घटना के बाद से पूरे गांव में शोक की लहर है। लोग पुलिस की कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि वे आरोपी को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और उसे सजा दिलवाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।

यह घटना उत्तराखंड में बढ़ते अपराधों और पारिवारिक विवादों के संदर्भ में एक कड़ी चिंता का कारण बन गई है। पुलिस और समाज के लिए यह समय है कि वे परिवारों में तनाव को सुलझाने के तरीकों पर ध्यान दें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही, यह घटना यह भी दर्शाती है कि पुलिस की तत्परता और मेहनत से अपराधी जल्दी पकड़े जा सकते हैं, और न्याय प्राप्त किया जा सकता है।

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