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Dehradun-Mussoorie Ropeway परियोजना, 2026 तक पूरा होगा, पर्यटकों के लिए मिलेगा नया अनुभव

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Dehradun-Mussoorie Ropeway: देहरादून से मसूरी के बीच रोपवे परियोजना पर कार्य जोरों पर चल रहा है। पुर्कुल गांव, जो देहरादून के पास स्थित है, में रोपवे के निचले टर्मिनल और पार्किंग का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। साथ ही तीसरी मंजिल पर पार्किंग का काम भी चल रहा है। वहीं, गांधी चौक मसूरी में बन रहे ऊपरी टर्मिनल के लिए अप्रोच रोड का कार्य जारी है। इसके बाद वहां ऊपरी टर्मिनल की नींव रखी जाएगी। दो साल बाद पर्यटक रोपवे के माध्यम से मसूरी पहुंचने में सक्षम होंगे।

रोपवे परियोजना का उद्घाटन और योजना

इस वर्ष की शुरुआत में, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने 300 करोड़ रुपये की लागत से देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना का उद्घाटन किया था, जो सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मॉडल के तहत मसूरी स्काईवॉर कंपनी द्वारा बनाई जा रही है। रोपवे का एक छोर पुर्कुल गांव में और दूसरा गांधी पार्क मसूरी में बन रहा है। पुर्कुल में पर्यटकों के वाहनों को पार्क करने के लिए 10 मंजिला मल्टी-लेवल पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। इस पार्किंग में 2000 से ज्यादा वाहनों को खड़ा किया जा सकेगा। इसके अलावा, पर्यटकों के लिए कैफेटेरिया, शौचालय जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। पर्यटन विभाग का दावा है कि इस रोपवे का निर्माण 2026 तक पूरा हो जाएगा।

Dehradun-Mussoorie Ropeway परियोजना,  2026 तक पूरा होगा, पर्यटकों के लिए मिलेगा नया अनुभव

15 मिनट में होगा 1.5 घंटे का सफर

साधारणतः पर्यटन के मौसम में देहरादून से मसूरी जाने में पर्यटकों को 1.5 से 3 घंटे का समय लग जाता है, लेकिन इस रोपवे के जरिए पर्यटक मात्र 15 मिनट में मसूरी पहुंच सकेंगे। देहरादून से मसूरी की सड़क पर दूरी 33 किलोमीटर है, जबकि रोपवे द्वारा यह दूरी 5.5 किलोमीटर होगी। रोपवे में ऑटोमेटिक पैसेंजर ट्रॉलियां लगाई जाएंगी, जिनके दरवाजे अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे। इन ट्रॉलियों के माध्यम से प्रति घंटा करीब 1300 पर्यटक एक तरफ से दूसरी तरफ पहुंच सकेंगे।

रोपवे से मिलेगा पर्यटकों को अद्भुत अनुभव

मसूरी जाने का सफर अब एक अविस्मरणीय रोमांचक अनुभव बन जाएगा। पहाड़ों के बीच से गुजरते हुए, पर्यटक सीधे मसूरी के मॉल रोड तक पहुंचेंगे। इससे मसूरी और देहरादून के बीच पर्यटन सीजन के दौरान होने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या भी दूर होगी। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पर्यटन सीजन के दौरान हर दिन 10,000 से ज्यादा पर्यटक मसूरी पहुंचते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और पार्किंग की समस्या बढ़ जाती है।

पार्किंग की समस्या से मिलेगा निजात

रोपवे के बनने के बाद मसूरी में पार्किंग की समस्या का समाधान होगा। पर्यटकों को अब अपने वाहनों को पार्क करने के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह रोपवे मसूरी के ट्रैफिक जाम को भी कम करेगा और पर्यटकों को परेशानी से बचाएगा। इसके अलावा, यह परियोजना स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देगी और पुर्कुल गांव के विकास में भी मदद करेगी। पर्यटकों के आने-जाने से यहां के छोटे व्यवसायों को भी फायदा होगा।

पर्यटन विभाग की बढ़ी हुई आय और स्थानीय विकास

रोपवे परियोजना से पर्यटन विभाग की आय में काफी वृद्धि होने की संभावना है। साथ ही, पुर्कुल गांव में दिनभर वाहनों और पर्यटकों की आवाजाही होगी, जिससे यहां के स्थानीय रोजगार में भी वृद्धि होगी। पर्यटक अब प्रदूषण मुक्त यात्रा का आनंद ले सकेंगे। इस रोपवे के निर्माण से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को भी नया आयाम मिलेगा, क्योंकि यह क्षेत्र में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।

सीजन में भी होगी रोपवे की निरंतर सेवा

इस रोपवे के सबसे बड़े फायदे में से एक यह है कि यह सभी मौसमों में काम करेगा, चाहे बर्फबारी हो या बारिश। मसूरी जाने वाले पर्यटक अब मानसून के दौरान भी मसूरी पहुंच सकेंगे, जब भारी बारिश के कारण मसूरी का रास्ता बंद हो जाता है। इस रोपवे के माध्यम से पर्यटकों को किसी भी मौसम में मसूरी की यात्रा का आनंद लेने का मौका मिलेगा, जिससे पर्यटन सीजन में ज्यादा भीड़भाड़ और समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना के पूरा होने के बाद, यह न केवल पर्यटकों के लिए एक अद्भुत अनुभव होगा, बल्कि मसूरी के ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या का भी समाधान करेगा। इस परियोजना से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को नया जीवन मिलेगा और स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। साथ ही, यह पर्यटकों के लिए सुरक्षित, सुलभ और रोमांचक यात्रा का एक बेहतरीन तरीका साबित होगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद मसूरी और देहरादून के बीच यात्रा करने का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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