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Odisha: गंजम जिले में RTO अधिकारियों और एजेंटों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ट्रक चालकों से अवैध वसूली में शामिल

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Odisha: गंजम जिले, ओडिशा में पुलिस ने एक बडी कार्रवाई करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो RTO अधिकारी भी शामिल हैं। ये अधिकारी और उनके एजेंट NH-16 पर चलने वाले ट्रकों से अवैध रूप से पैसे वसूल रहे थे। पुलिस ने जानकारी दी कि इन अधिकारियों और उनके एजेंटों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें वे ट्रक चालकों से ली जाने वाली रिश्वत की जानकारी शेयर करते थे, ताकि वे RTO जांच से बच सकें। यह मामला स्थानीय RTO कार्यालय के अधिकारियों की संलिप्तता को उजागर करता है, जो इस अवैध वसूली के अभियान का हिस्सा थे।

घटना का खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब पुलिस को जानकारी मिली कि कुछ लोग NH-16 पर ट्रकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। इस मामले की जांच करने के बाद, गंजम  जिले के अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (RTO) के. वेंकटेश और जूनियर मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) रतिकांत नायक के नाम सामने आए, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा, पुलिस ने तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया, जिनमें ये सभी ट्रक चालकों से पैसे वसूलने का काम कर रहे थे।

Odisha: गंजम जिले में RTO अधिकारियों और एजेंटों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ट्रक चालकों से अवैध वसूली में शामिल

रैकेट का तरीका

बेरहामपुर के पुलिस अधीक्षक, सरवन विवेक एम. ने बताया कि गोलनथरा पुलिस स्टेशन को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग गिरीशोला में वाहनों को रोककर पैसे ले रहे थे। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए एक टीम भेजी, जिसने मौके पर चार लोगों को रंगे हाथ पकड़ लिया। इन आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि वे गंजम RTO कार्यालय के अधिकारियों के लिए काम कर रहे थे। इन आरोपियों का कहना था कि ट्रक चालकों से पैसे लेकर उन्हें यह आश्वासन दिया जाता था कि वे बिना किसी जांच के आसानी से अपने ट्रकों को आगे बढ़ा सकते थे।

पुलिस ने बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि एक व्यक्ति मौके से फरार हो गया। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि ये लोग एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए एक-दूसरे से संपर्क में थे। इस ग्रुप के जरिए वे ट्रक चालकों से ली जाने वाली रिश्वत की जानकारी एक दूसरे से साझा करते थे, ताकि ट्रकों की जांच न हो और पैसे आसानी से वसूले जा सकें।

व्हाट्सएप ग्रुप का खुलासा

पुलिस ने कहा कि यह मामला बेहद चौंकाने वाला था, क्योंकि इसमें RTO अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आई। आरोपियों ने बताया कि वे ट्रक चालकों से प्राप्त पैसे को कैश या ऑनलाइन लेन-देन के माध्यम से RTO अधिकारियों तक पहुंचाते थे। इस अवैध वसूली के अभियान में गंजम RTO के अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने अपने एजेंटों को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा था।

इन अधिकारियों ने इस ग्रुप के माध्यम से ट्रक चालकों से ली गई रिश्वत के बारे में जानकारी साझा की थी। इससे यह सुनिश्चित किया जाता था कि ट्रक बिना किसी जांच के आसानी से आगे बढ़ सकें। पुलिस ने इस मामले में कहा कि इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार और अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं और उनकी तलाश की जा रही है। गंजम RTO के अधिकारी और उनके एजेंटों के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी कानून (Anti-Corruption Act) और भारतीय दंड संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस इस पूरे रैकेट की तह तक जाने का प्रयास कर रही है ताकि इस तरह के और मामले उजागर हो सकें।

भ्रष्टाचार का बढ़ता सिलसिला

यह मामला सिर्फ एक उदाहरण है, जो यह साबित करता है कि देश में भ्रष्टाचार की जड़ें किस कदर गहरी हैं। जब तक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक इस तरह के मामले सामने आते रहेंगे। इस मामले में अधिकारियों के भ्रष्टाचार और ट्रक चालकों से अवैध वसूली के खेल को लेकर एक नई बहस छिड़ चुकी है।

दूसरी ओर, पुलिस ने भी इस मामले में अपनी जांच को और तेज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि इस रैकेट में शामिल सभी लोगों को सजा मिले और भविष्य में इस तरह के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।

गंजम  जिले में हुए इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार सिर्फ छोटे स्तर पर नहीं, बल्कि उच्च स्तर पर भी फैला हुआ है। RTO कार्यालय के अधिकारी जो ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे थे, उन्होंने इसे एक संगठित तरीके से किया था। व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जानकारी साझा करना और रिश्वत के लेन-देन को ऑनलाइन करना इस बात का प्रमाण है कि आजकल भ्रष्टाचार के नए तरीके सामने आ रहे हैं। पुलिस की जांच जारी है, और उम्मीद की जाती है कि इस रैकेट में और भी लोग शामिल होंगे जिन्हें पकड़ा जाएगा। इस मामले को लेकर लोगों में निराशा है, लेकिन साथ ही इस प्रकार के भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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