New Delhi: दिल्ली का सराय काले खान-आईएसबीटी चौक का नाम बदला, अब होगा ‘बिरसा मुंडा चौक’
New Delhi: आज़ादी के 150वें वर्षगांठ पर आदिवासी गौरव दिवस के मौके पर, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। दिल्ली में सराय काले खान आईएसबीटी चौक का नाम बदलकर अब ‘बिरसा मुंडा चौक’ कर दिया गया है। यह कदम आदिवासी समाज की ओर से बिरसा मुंडा के योगदान को सम्मानित करने की दिशा में उठाया गया है। इस ऐतिहासिक दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के जमुई में कार्यक्रम आयोजित किया, जबकि दिल्ली में भी इस अवसर पर केंद्र सरकार की ओर से बड़ी घोषणा की गई।
बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरणा मिलेगी – खट्टर
आदिवासी गौरव दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली में आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर जो बड़ा चौक है, उसे अब भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिरसा मुंडा की मूर्ति और इस चौक का नाम देखकर न केवल दिल्लीवाले, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल पर आने वाले लोग भी उनके जीवन से प्रेरित होंगे। खट्टर ने इस अवसर पर आदिवासी समुदाय के उत्थान और उनकी अनकही कहानियों को समाज के सामने लाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
अमित शाह ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया
आदिवासी गौरव दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के बनसेरा गार्डन में बिरसा मुंडा की मूर्ति का अनावरण किया। इस मौके पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश को बिरसा मुंडा के स्वतंत्रता संग्राम और धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलनों के लिए हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है और उनके संघर्षों ने न केवल आदिवासी समुदाय को जागरूक किया, बल्कि देश की स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पीएम मोदी ने आदिवासी समाज के लिए बड़े विकास प्रकल्पों की नींव रखी
आदिवासी गौरव दिवस पर पीएम मोदी ने एक और बड़ा कदम उठाया। उन्होंने आदिवासी समुदाय के उत्थान और ग्रामीण एवं दूरदराज क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 6,640 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के जीवन स्तर को सुधारना और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि उनकी सरकार ने आदिवासी समुदाय की भलाई के लिए विशेष मंत्रालय की स्थापना की है और इसके बजट को 25,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
बिरसा मुंडा का योगदान
बिरसा मुंडा का जीवन आदिवासी समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत रहा है। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बिरसा मुंडा ने आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया और ‘उलगुलान’ आंदोलन के माध्यम से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया। उनका जीवन न केवल आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित था, बल्कि उन्होंने धर्मांतरण के खिलाफ भी आवाज उठाई और अपने समुदाय को जागरूक किया।
सरकार की योजनाओं का आदिवासी समुदाय पर प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें ‘प्रधानमंत्री आदिवासी कल्याण योजना’, ‘आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना’ और ‘वन अधिकार अधिनियम’ जैसी योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना और उनके सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
आदिवासी गौरव दिवस के अवसर पर दिल्ली में सराय काले खान-आईएसबीटी चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक रखना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल बिरसा मुंडा की याद को ताजा करता है, बल्कि आदिवासी समाज के प्रति सम्मान और उनके संघर्षों के महत्व को भी उजागर करता है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में किए गए इस ऐतिहासिक आयोजन से यह संदेश मिलता है कि सरकार आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और उनका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। आदिवासी गौरव दिवस का यह आयोजन देशभर में आदिवासी समाज के लिए एक नई उम्मीद और दिशा प्रदान करेगा।