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Wikipedia को केंद्र सरकार का नोटिस, एकतरफा और भ्रामक जानकारी के आरोप

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Wikipedia: केंद्र सरकार ने विकिपीडिया को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें विकिपीडिया पर एकतरफा लेखन और भ्रामक जानकारी देने की शिकायतों का जिक्र किया गया है। इस नोटिस में केंद्र ने पूछा है कि विकिपीडिया को एक प्रकाशन के रूप में क्यों न माना जाए, बजाय इसके कि उसे केवल एक मध्यस्थ के रूप में देखा जाए। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विकिपीडिया से इस मामले में जवाब मांगा है और कहा है कि एक छोटे समूह द्वारा इसके पृष्ठों पर संपादकीय नियंत्रण का आरोप लगाया गया है।

क्या है विकिपीडिया?

विकिपीडिया एक मुफ्त ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया है, जिसे कोई भी व्यक्ति विभिन्न मशहूर हस्तियों, मुद्दों या विभिन्न विषयों पर पृष्ठ बना या संपादित कर सकता है। यह जानकारी का एक लोकप्रिय ऑनलाइन स्रोत है, लेकिन भारत में यह कथित रूप से झूठी और मानहानि करने वाली सामग्री प्रदान करने के कारण कानूनी विवादों में भी घिरा हुआ है।

Wikipedia को केंद्र सरकार का नोटिस, एकतरफा और भ्रामक जानकारी के आरोप

विकिपीडिया के लेख आसानी से उपलब्ध होते हैं

यदि आपने कभी इंटरनेट पर किसी जानकारी को तुरंत पाने की कोशिश की है, तो आपको विकिपीडिया के बारे में जानकारी होगी। आमतौर पर हम किसी भी विषय के बारे में इंटरनेट पर खोज करते हैं और हमें उसके बारे में जानकारी विकिपीडिया पर मिल जाती है। विकिपीडिया को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसके लेखों में कई लिंक होते हैं, जिन पर क्लिक करके और भी अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

विकिपीडिया का उपयोग निशुल्क

विकिपीडिया का उपयोग करने के लिए उपयोगकर्ताओं को किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं करना पड़ता। 2001 में स्थापित विकिपीडिया आज दुनिया की सबसे लोकप्रिय वेबसाइटों में से एक है। Amazon, Netflix, TikTok या ChatGPT से भी अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ, विकिपीडिया लोगों को नई जानकारी प्राप्त करने और उनकी पसंदीदा चीजों के बारे में जानने के लिए एक मुख्य स्रोत बना हुआ है।

केंद्र सरकार का आरोप: एकतरफा और भ्रामक जानकारी

केंद्र सरकार का मानना है कि विकिपीडिया पर दिए गए लेखों में एकतरफा जानकारी प्रस्तुत की जाती है और कई मामलों में भ्रामक सामग्री भी दी जाती है। सरकार का आरोप है कि विकिपीडिया के कुछ पृष्ठों पर ऐसी जानकारी दी गई है जो किसी खास विचारधारा को बढ़ावा देती है, जिससे उपयोगकर्ता भ्रमित हो सकते हैं। इसके साथ ही, इस ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया में कुछ संवेदनशील मुद्दों को लेकर भी गलत जानकारी दी गई है, जो समाज में गलत संदेश फैलाने का काम कर सकती है।

क्या विकिपीडिया को मध्यस्थ माना जा सकता है?

वर्तमान में, विकिपीडिया को एक मध्यस्थ माना जाता है, जो कि केवल एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जहाँ उपयोगकर्ता अपनी मर्जी से जानकारी डाल सकते हैं। लेकिन केंद्र का कहना है कि विकिपीडिया के कुछ लेखों पर संपादकीय नियंत्रण का आरोप है, जिसके चलते यह मध्यस्थ की श्रेणी में नहीं आता। सरकार का कहना है कि अगर कुछ लोगों का विशेष नियंत्रण है, तो इसे एक प्रकाशन माना जाना चाहिए और इसके लिए भारत के कानून के तहत उत्तरदायित्व की भी बात की जा रही है।

विवादित सामग्री और कानूनी मामले

भारत में विकिपीडिया पहले भी कई कानूनी मामलों में घिर चुका है, जिसमें भ्रामक और मानहानि करने वाली सामग्री का आरोप शामिल है। सरकार का कहना है कि अगर कोई सामग्री गलत है, तो उसके लिए विकिपीडिया को भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। इसके अलावा, भारत में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर विकिपीडिया ने गलत जानकारी प्रस्तुत की है, जिससे विवाद बढ़ा है।

विकिपीडिया पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?

अगर विकिपीडिया को एक प्रकाशन के रूप में माना जाता है, तो इससे विकिपीडिया पर कानूनी जिम्मेदारी बढ़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, विकिपीडिया को अपनी सामग्री की गुणवत्ता पर और अधिक ध्यान देना पड़ेगा और भ्रामक या विवादित सामग्री को रोकने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने पड़ सकते हैं। इसके अलावा, विकिपीडिया पर संपादन करने वाले उपयोगकर्ताओं को भी अधिक सतर्क रहना होगा, ताकि जानकारी की सत्यता पर कोई संदेह न हो।

विकिपीडिया एक प्रमुख जानकारी का स्रोत है, लेकिन इसका प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि उसमें दी गई जानकारी कितनी सत्य और निष्पक्ष है। केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम विकिपीडिया को एक उत्तरदायी प्लेटफ़ॉर्म बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विकिपीडिया इस नोटिस का क्या जवाब देती है और क्या इसके नियमों में कोई बदलाव लाए जाएंगे ताकि उपयोगकर्ताओं को सटीक और भरोसेमंद जानकारी मिल सके।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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