Uttarakhand: मंत्री सुबोध उनियाल की तबीयत अचानक बिगड़ी, कैबिनेट बैठक से हुए अस्पताल रवाना
Uttarakhand: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिससे उन्हें कैबिनेट बैठक छोड़कर अस्पताल जाना पड़ा। मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान सुबोध उनियाल की तबीयत बिगड़ने की खबर ने सभी को चिंता में डाल दिया।
कैबिनेट बैठक की शुरुआत:
बुधवार को राज्य की कैबिनेट बैठक शुरू हुई, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होनी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई मंत्री उपस्थित थे। बैठक में राज्य के विकास और नीतिगत मुद्दों पर चर्चा की जा रही थी, लेकिन अचानक सुबोध उनियाल की तबीयत बिगड़ने से बैठक का माहौल गंभीर हो गया।
तबीयत बिगड़ने की जानकारी:
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि सुबोध उनियाल को अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आईं, जिसके चलते उन्हें बैठक छोड़नी पड़ी। वे सुबह से ही अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। इस अचानक स्थिति ने सभी उपस्थित सदस्यों को चिंता में डाल दिया।
अस्पताल में भर्ती:
मंत्री को तुरंत एक निजी कार में डालकर डून मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उनकी देखभाल की। डॉक्टरों की टीम में इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. एनएस बिष्ट, डून अस्पताल के इंचार्ज डॉ. अनुराग अग्रवाल, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सत्यम्बाली, और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अमर उपाध्याय शामिल थे।
चिकित्सकीय परीक्षण:
डॉक्टरों ने मंत्री के दिल और सांस से संबंधित कई परीक्षण किए। इमरजेंसी में उनकी हालत को देखते हुए सभी जरूरी चिकित्सा जांच की गई। रिपोर्ट आने के बाद उनकी स्थिति सामान्य होने पर उन्हें इमरजेंसी से डिस्चार्ज कर दिया गया।
डॉक्टरों की रिपोर्ट:
डॉ. बिष्ट के अनुसार, मंत्री सुबोध उनियाल को गले में हल्की वाइरल इन्फेक्शन की समस्या थी, जिससे उन्हें सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। हालांकि, समय पर इलाज के बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
कैबिनेट बैठक में वापसी:
अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद, सुबोध उनियाल ने फिर से कैबिनेट बैठक में भाग लिया। उनकी वापसी से सभी मंत्रियों ने राहत की सांस ली और बैठक का कार्य आगे बढ़ा। इससे यह स्पष्ट होता है कि मंत्री की स्वास्थ्य संबंधी समस्या ने न केवल बैठक को प्रभावित किया, बल्कि सभी सदस्यों के मन में चिंता का माहौल भी पैदा किया।
सुधार की जरूरत:
इस घटना ने यह संकेत भी दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में और अधिक सतर्कता की आवश्यकता है। राज्य के नेताओं और अधिकारियों को अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति सचेत रहना चाहिए, ताकि किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रह सकें।
उत्तराखंड के मंत्री सुबोध उनियाल की यह स्वास्थ्य समस्या एक गंभीर संकेत है कि हम सभी को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। राजनीति और प्रशासन में स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।
प्रमुख बिंदु:
- सुबोध उनियाल की तबीयत बिगड़ने पर उनकी अस्पताल में भर्ती।
- कैबिनेट बैठक में सुबोध उनियाल की अचानक अनुपस्थिति।
- डॉक्टरों द्वारा किए गए चिकित्सा परीक्षण और उनकी स्थिति में सुधार।
- अस्पताल से लौटने के बाद सुबोध उनियाल की कैबिनेट बैठक में वापसी।
इस घटना ने उत्तराखंड की राजनीति में स्वास्थ्य की अहमियत को उजागर किया है। सभी नेताओं और मंत्रियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी सेहत भी उनके कार्यों और जिम्मेदारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।