Pakistan: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की संघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भागीदारी
Pakistan: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पाकिस्तान में 15 और 16 अक्टूबर को होने वाले संघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हैं। इस सम्मेलन पर सबकी नजरें इस कारण भी हैं क्योंकि जयशंकर अपनी स्पष्ट बात कहने की शैली के लिए जाने जाते हैं। इस सम्मेलन में भारत के अलावा, चीन और रूस के प्रधानमंत्रियों सहित अन्य प्रमुख नेता भी भाग लेंगे। इस बैठक में आर्थिक, व्यापारिक और पर्यावरणीय सहयोग पर चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन की जानकारी
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (FO) ने एक बयान में कहा है कि वह संघाई सहयोग संगठन के शासक परिषद (CHG) की बैठक की मेज़बानी करेगा। इस बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ करेंगे, जो इस समय CHG के अध्यक्ष हैं। हालांकि, इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इमरान खान की पार्टी PTI द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों के कारण चिंतित हैं। इस कारण इस्लामाबाद में दो दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है।
SCO शिखर सम्मेलन का महत्व
SCO शिखर सम्मेलन का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह विभिन्न सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का एक मंच प्रदान करता है। इस बैठक में न केवल आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, बल्कि सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। यह बैठक SCO के सदस्यों के बीच संगठनात्मक निर्णय लेने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करेगी।
भागीदार देशों का योगदान
इस SCO शिखर सम्मेलन में चीन, रूस, बेलारूस, कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के अलावा ईरान के पहले उपराष्ट्रपति और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल होंगे। ये सभी नेता संगठन के लिए बजट को मंजूरी देने और SCO सदस्यों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेंगे। यह न केवल सदस्यों के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
भारत का दृष्टिकोण
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि भारत SCO के भीतर सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। जयशंकर ने हमेशा भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की है, और यह उम्मीद की जा रही है कि वह इस सम्मेलन में भारत के विचारों और चिंताओं को स्पष्ट रूप से पेश करेंगे। भारत के दृष्टिकोण में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता का महत्वपूर्ण स्थान है।
पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति
इस सम्मेलन के आयोजन के बीच, पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति भी चर्चा का विषय है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में, सरकार को इमरान खान की पार्टी PTI के विरोधों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति इस्लामाबाद में सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, और इससे सम्मेलन के सुचारू संचालन पर प्रभाव पड़ सकता है।
सामरिक और आर्थिक सहयोग
इस SCO शिखर सम्मेलन में, सदस्य देशों के बीच सामरिक और आर्थिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में, ऐसे समय में जब कई देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं, SCO के सदस्य देशों के लिए सहयोग बढ़ाना और एक-दूसरे की मदद करना अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल उनके अपने विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
नीतिगत निर्णय
सम्मेलन के दौरान, नीतिगत निर्णय लेने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण पहलू होगा कि कैसे SCO अपने सदस्यों के बीच सहयोग को और मजबूत कर सकता है। यह न केवल सदस्यों के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।
भारत की विदेश नीति
जयशंकर की उपस्थिति भारत की विदेश नीति के दृष्टिकोण को भी दर्शाती है। भारत ने हमेशा क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता और विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है। इस सम्मेलन में भारत की भागीदारी से यह स्पष्ट होगा कि भारत दक्षिण एशिया में अपनी भूमिका को और सशक्त बनाना चाहता है।
भविष्य की संभावनाएँ
इस SCO शिखर सम्मेलन से भविष्य में संभावित सहयोग और विकास के रास्ते खुल सकते हैं। सभी सदस्य देशों के नेता मिलकर एक साझा रणनीति बनाने की कोशिश करेंगे, जिससे न केवल उनकी अपनी अर्थव्यवस्थाएँ बेहतर हो सकें, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा को भी बढ़ावा मिले।