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Dehradun: डीएम साहब की कॉल पर अधिकारियों में हड़कंप

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Dehradun: शुक्रवार की सुबह देहरादून में कुछ खास हुआ। सुबह के समय जब जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) सविन बंसल ने अचानक निरीक्षण के लिए निकलने का निर्णय लिया, तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। डीएम साहब की एक कॉल ने अतिरिक्त नगर आयुक्त और उपनगर आयुक्त को हड़बड़ी में उठा दिया, और सभी अधिकारी तुरंत अपनी जगह से भागने लगे। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि प्रशासनिक कार्य में गंभीरता और तत्परता कितनी महत्वपूर्ण है।

सुबह की चौकसी

डीएम सविन बंसल ने सुबह-सुबह निरीक्षण के लिए जाने का निर्णय लिया ताकि वह दरवाजे से दरवाजे तक कूड़े की संग्रहण व्यवस्था का जायजा ले सकें। अधिकारियों की यह सुबह की दौड़-भाग उनके काम के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाती है। जब डीएम की कॉल आई, तो अधिकारी बिना समय गंवाए तैयार होने लगे। यह घटनाक्रम प्रशासन में अनुशासन और जवाबदेही की मिसाल पेश करता है।

Dehradun: डीएम साहब की कॉल पर अधिकारियों में हड़कंप

कूड़ा संग्रहण की व्यवस्था का निरीक्षण

डीएम बंसल ने अपनी यात्रा की शुरुआत शहर के विभिन्न स्थानों से की, जहां कूड़ा संग्रहण की व्यवस्था की गई थी। उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कूड़ा उठाने के लिए निर्धारित वाहन समय पर और सही तरीके से काम कर रहे हैं। निरीक्षण के दौरान, उन्हें पता चला कि शहर में कूड़ा संग्रहण के लिए 14 वाहन उपलब्ध हैं, जिनमें से चार वाहन खराब थे और 11 वाहन समय पर नहीं निकले। यह जानकर डीएम ने कंपनी पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया।

कंपनी के कामकाज पर नाखुशी

डीएम ने जब वॉटरग्रेस और इकॉनवेस्ट मैनेजमेंट के गैरेज का निरीक्षण किया, तो वहाँ 32 वाहन ऐसे पाए गए जो दरवाजे से दरवाजे तक कूड़ा संग्रहण के लिए नहीं निकले थे। इस पर उन्होंने कंपनी के कामकाज पर अपनी कड़ी नाखुशी जताई। यह स्पष्ट था कि अधिकारी की तात्कालिकता और जिम्मेदारी का पालन नहीं किया जा रहा था।

कार्यशैली में सुधार के निर्देश

डीएम ने आगे के कार्यों के लिए स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सभी निर्धारित समय पर काम करें और कोई भी वाहन बिना कारण समय पर न निकले। इसके अलावा, उन्होंने निर्देश दिया कि सभी खराब वाहनों की मरम्मत की जाए और संबंधित कंपनियों के लिए आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) जारी किया जाए।

निरीक्षण के दौरान उठाए गए कदम

डीएम बंसल ने कूड़ा उठाने की व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए कई क्षेत्रों का दौरा किया, जिसमें घंटाघर से सर्वे चौक, शास्त्रधारा रोड, भगत सिंह कॉलोनी, माता मंदिर रोड और कargi चौक शामिल थे। उन्होंने देखा कि शहर में कूड़े का ढेर लग रहा था और यह व्यवस्था ठीक से नहीं चल रही थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि कूड़ा संग्रहण की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।

अधिकारियों के लिए एक सीख

इस पूरे निरीक्षण ने अधिकारियों को यह सिखाया कि उन्हें अपने काम के प्रति गंभीर रहना चाहिए और किसी भी स्थिति में तात्कालिकता का पालन करना चाहिए। डीएम साहब का यह कदम न केवल उनकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वे प्रशासन में सुधार के लिए कितने तत्पर हैं।

समुदाय की जिम्मेदारी

इस निरीक्षण ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी केवल कागजी कार्यवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें जमीन पर जाकर वास्तविकता का सामना करना पड़ता है। कूड़ा संग्रहण जैसे मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि यह न केवल शहर की साफ-सफाई से जुड़ा है, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा से भी जुड़ा है।

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