Muzaffarnagar: शराब की दुकानों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई
Muzaffarnagar में शराब की दुकानों पर चल रहे भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हाल ही में सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने एक मॉडल दुकान का दौरा किया, जहां उन्होंने ग्राहक के रूप में जाकर शराब खरीदी। इस दौरान उन्हें अधिक मूल्य चुकाना पड़ा, जिससे प्रशासन की लापरवाही का पर्दाफाश हुआ। इसके बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट ने एक निरीक्षक को निलंबित कर दिया और उस दुकान को सील कर दिया।
शिकायत का मामला
इस घटना की शुरुआत 1 सितंबर को हुई, जब एक युवा ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से शिकायत की कि भोपारोड पर स्थित मॉडल दुकान पर शराब की बिक्री उच्च मूल्य पर की जा रही है। इस शिकायत के बाद, जिलाधिकारी ने उसी रात सिटी मजिस्ट्रेट को उचित कार्रवाई के लिए भेजा। यह एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें आती रही थीं, लेकिन प्रशासन ने उन पर ध्यान नहीं दिया था।
सिटी मजिस्ट्रेट का निरीक्षण
सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने एक सामान्य ग्राहक के रूप में दुकान का दौरा किया। उन्होंने दुकान के बिक्रीकर्मी को 500-500 रुपये की दो नोटें दीं और पांच बीयर कैन खरीदने का आदेश दिया। बिक्रीकर्मी ने उन्हें 150 रुपये वापस किए और पांच बीयर कैन दिए, जबकि कैन पर मुद्रित मूल्य 160 रुपये था। इसका मतलब था कि बिक्रीकर्मी को 800 रुपये वापस करने चाहिए थे, लेकिन उन्होंने 150 रुपये वापस किए और एक बीयर कैन पर 10 रुपये अधिक चार्ज किए।
अव्यवस्था का खुलासा
सिटी मजिस्ट्रेट ने देखा कि बिक्रीकर्मी ने ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने तुरंत इस मुद्दे पर कार्रवाई की और सीओ न्यू मंडी रूपाली राय और एक्साइज इंस्पेक्टर अनिल कुमार के साथ मिलकर उस मॉडल दुकान को सील कर दिया। इसके अलावा, एक्साइज इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बिक्रीकर्मी दुर्गेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया, जो अलीगढ़ जिले के आजादपुर गांव का निवासी है।
प्रशासनिक कार्रवाई
इसके बाद, जिलास्तरीय एक्साइज अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने सैंडिप मल्होत्रा के नाम पर चल रही इस मॉडल दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट सरकार को भेजी और एक्साइज आयुक्त से भी बातचीत की। आठ दिन बाद, जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर, एक्साइज आयुक्त ने सदर एक्साइज इंस्पेक्टर अनिल कुमार को निलंबित कर दिया। साथ ही, जिलास्तरीय एक्साइज अधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई की सराहना की है। कई लोगों का कहना है कि यह कदम आवश्यक था, ताकि शराब की दुकानों पर ग्राहकों के साथ हो रही धोखाधड़ी को रोका जा सके। स्थानीय निवासी ने कहा कि यदि प्रशासन इस तरह की अव्यवस्थाओं को खत्म करने में सख्त रहेगा, तो इससे न केवल ग्राहक का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे बिना किसी डर के खरीदारी कर सकेंगे।
आगे की कार्रवाई की उम्मीद
इस मामले ने शराब की दुकानों में हो रही अव्यवस्थाओं को उजागर किया है। लंबे समय से ग्राहक इस तरह के धोखाधड़ी का शिकार होते आ रहे हैं। अब इस घटना के बाद, उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन शराब की दुकानों पर अधिक ध्यान देगा और इस तरह की अव्यवस्थाओं को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएगा।
प्रशासन की जिम्मेदारी
यह आवश्यक है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और अवैध गतिविधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करता रहे। स्थानीय लोग प्रशासन से यह अपेक्षा रखते हैं कि वह उनके अधिकारों की रक्षा करेगा और उन्हें सही मूल्य पर उत्पाद उपलब्ध कराएगा।