Bengaluru: बेंगलुरु में 10 साल से ‘शर्मा परिवार’ बनकर रह रहा था पाकिस्तानी सिद्दीकी परिवार, एक गलती से खुला राज
Bengaluru: कराची, पाकिस्तान से आए सिद्दीकी परिवार ने 10 साल तक बेंगलुरु में अवैध रूप से ‘शर्मा परिवार‘ बनकर रहना जारी रखा। यह पूरा परिवार रविवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। कराची निवासी रशीद अली सिद्दीकी अपनी पत्नी आयशा और ससुराल वालों के साथ बेंगलुरु में ‘शंकर शर्मा’ के नाम से रह रहा था। पुलिस ने बताया कि रशीद अली सिद्दीकी, उसकी पत्नी आयशा और उसके माता-पिता हनीफ मोहम्मद और रूबीना, बेंगलुरु के बाहरी इलाके राजपुरा गांव में ‘शर्मा परिवार’ के रूप में रह रहे थे। उन्होंने अपने नाम क्रमशः शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा रखे थे।
धर्म परिवर्तन के कार्य में लुप्त था पूरा परिवार
पुलिस के अनुसार, यह परिवार धर्म परिवर्तन के प्रयास में भी लगा हुआ था। पाकिस्तान से उन्हें इसके लिए फंडिंग मिल रही थी। इसके साथ ही, बेंगलुरु में कुछ स्थानीय मुसलमान भी उनकी मदद कर रहे थे। हालांकि, एक छोटी सी गलती के कारण 10 साल बाद उनका यह राज खुल गया। पुलिस ने रशीद अली सिद्दीकी, उसकी पत्नी और उसके माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
चेन्नई एयरपोर्ट से हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खुफिया जानकारी के आधार पर चेन्नई एयरपोर्ट से दो पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था। वे ढाका से फ्लाइट लेकर चेन्नई पहुंचे थे। पूछताछ के दौरान उन्होंने खुद को भारतीय बताया, लेकिन पासपोर्ट जांच में उनके दस्तावेज फर्जी निकले। इसके बाद जब उनसे गहन पूछताछ की गई, तो यह खुलासा हुआ कि बेंगलुरु में एक पाकिस्तानी परिवार हिंदू पहचान के साथ गुप्त रूप से रह रहा है।
भागने की कर रहे थे कोशिश
रविवार को जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, तो सिद्दीकी परिवार अपना सामान पैक कर भागने की तैयारी में था। पूछताछ के दौरान उन्होंने खुद को ‘शर्मा परिवार’ बताया और कहा कि वे 2018 से बेंगलुरु में रह रहे हैं। पुलिस की जांच में उनके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड मिले, जिनमें उनकी हिंदू पहचान दर्ज थी। पुलिस ने उनके घर की दीवार पर ‘मेहंदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जश्न-ए-यूनुस’ लिखा पाया, और घर के अंदर कुछ मौलवियों की तस्वीरें भी मिलीं।
ढाका में हुई थी शादी
प्रारंभिक जांच में पता चला कि रशीद सिद्दीकी की पत्नी बांग्लादेश की निवासी है और उनकी शादी ढाका में हुई थी। यह दंपति 2014 में दिल्ली आया और बाद में 2018 में बेंगलुरु में बस गया। गिरफ्तार किए गए दो अन्य लोग उसके ससुराल वाले हैं, जिन्हें बेंगलुरु के बाहरी इलाके जिगानी में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया।
पुलिस कर रही है नेटवर्क की जांच
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमारे जिगानी इंस्पेक्टर ने मामले की जांच की और मामला दर्ज किया। यह परिवार नकली दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से यहां रह रहा था। चारों सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि वे जिगानी में किराए के मकान में रह रहे थे और फर्जी नामों से पहचान पत्र बनवाए थे। पुलिस उनके नेटवर्क और गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।