अपना उत्तराखंड

Tehri Riyasat: 200 साल पुराना राजमहल खंडहर में तब्दील, जानें ऐतिहासिक धरोहर की कहानी

Spread the love

Tehri Riyasat: टिहरी रियासत का 200 साल पुराना दो मंजिला राजमहल, जो राजगढ़ी के ब्लॉक में स्थित है, रखरखाव की कमी के कारण खंडहर में तब्दील हो गया है। इस राजमहल में केवल राजशाही की यादें ही शेष हैं। राजमहल के अंदर राजा के सैनिकों के ठहरने के लिए बनाए गए कमरे भी पूरी तरह से खंडहर बन चुके हैं।

ऐतिहासिक महत्व

प्राचीन काल में, जब राजशाही का अस्तित्व था, तो राजा अपने दरबार के साथ टिहरी से राजगढ़ी पहुंचता था और राजमहल में न्याय की सुनवाई करता था। यहाँ पर वह जनता की समस्याओं को सुनता था और उनके निवारण के लिए उपाय करता था। टिहरी के राजा ने राजमहल में क्षेत्र के थोक व्यापारियों के साथ बैठकें आयोजित कर किराया वसूल किया। इसके साथ ही, अपने पसंदीदा व्यक्तियों के साथ गुप्त बैठकों का आयोजन कर योजनाएँ बनाता था। राजमहल का एक मुख्य द्वार है, जो चारों ओर से बंद है। राजमहल के अंदर प्रवेश केवल राजा की अनुमति से ही संभव था।

Tehri Riyasat: 200 साल पुराना राजमहल खंडहर में तब्दील, जानें ऐतिहासिक धरोहर की कहानी

राजमहल का उत्थान

खास बात यह है कि अपने प्रजा के उत्थान के लिए टिहरी के राजा ने 1902 में राजगढ़ी में रॉवाइन घाटी का पहला प्राथमिक स्कूल खोला था, जो आज एक इंटर कॉलेज के रूप में विकसित हो चुका है। इस स्कूल ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि स्थानीय लोगों की जीवनशैली में भी बदलाव लाया।

टिहरी का विकास

24 फरवरी 1960 को जब टिहरी जिले की स्थापना हुई, तब राजगढ़ी को तहसील कोर्ट का दर्जा दिया गया। लंबे समय तक राजमहल में तहसील और पुलिस स्टेशन का संचालन किया गया, जो अब बारकोट से चलाया जा रहा है। यह राजमहल, जो एक समय में प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र था, अब खंडहर में तब्दील हो चुका है।

राजगढ़ी का पर्यटन संभावनाएं

आज भी, कई लोग इस ऐतिहासिक धरोहर को देखने के लिए राजगढ़ी पहुँचते हैं। ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति लोगों की रुचि ने इसे एक संभावित पर्यटन स्थल बना दिया है। अगर यहाँ के किले का सही तरीके से संरक्षण किया जाए, तो राजगढ़ी पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन सकता है।

स्थानीय निवासियों की राय

1980 में डख्याट गाँव के प्रधान रहे जयवीर सिंह जयरा कहते हैं कि राजगढ़ी में स्थित राजशाही काल की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि यदि राजमहल का उचित संरक्षण किया जाए, तो यह क्षेत्र न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है।

संरक्षण की आवश्यकता

इस राजमहल के खंडहर में आज भी ऐतिहासिक धरोहर की झलक देखने को मिलती है। लेकिन इसे संरक्षित करने के लिए सरकारी प्रयासों की आवश्यकता है। यदि इसे ठीक किया जाए, तो न केवल स्थानीय संस्कृति को बचाया जा सकेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button