Tirupati Balaji temple: तिरुपति विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, सुब्रहमण्यन स्वामी ने जनहित याचिका दायर की
Tirupati Balaji temple: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। यह याचिका भाजपा नेता सुब्रहमण्यन स्वामी द्वारा दायर की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए मिलावट के आरोपों की जांच की मांग की है।
विवाद का प्रारंभ
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में NDA विधायक दल की बैठक में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु वसा की मिलावट का आरोप लगाया था। इस आरोप के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने इसे राजनीतिक बयानों का हिस्सा बताते हुए इसे “विभिन्नता की राजनीति” और “काल्पनिक कहानी” करार दिया।
मिलावट का मामला
देश के सबसे धनी मंदिर के प्रबंधन बोर्ड ने शुक्रवार को यह खुलासा किया कि उन्होंने गुणवत्ता जांच के लिए भेजे गए नमूनों में घटिया गुणवत्ता की घी और पशु वसा की मिलावट पाई है। चंद्रबाबू नायडू ने लड्डू में पशु वसा की मिलावट का आरोप लगाया था। इस मुद्दे को लेकर जब पूर्व YSR कांग्रेस पार्टी की सरकार पर आरोप लगे, तो पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने इसे केवल एक राजनीतिक शिगूफा बताया।
केंद्रीय सरकार की भूमिका
इस पूरे विवाद के बीच, केंद्रीय सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है और उचित कार्रवाई करने का वादा किया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आरोपों की जांच की जाएगी। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने शुक्रवार को एक प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि “वसा” और अन्य अशुद्धियाँ घी में पाई गई हैं। TTD के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षण में पशु वसा और चिकनाई के नमूनों में पाए गए हैं और बोर्ड इस “मिलावट” वाले घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को “ब्लैकलिस्ट” करने की प्रक्रिया में है।
सुब्रहमण्यन स्वामी की जनहित याचिका
सुब्रहमण्यन स्वामी ने इस विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह गंभीर मामला है और इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। उनका कहना है कि तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद न केवल आंध्र प्रदेश, बल्कि पूरे भारत में श्रद्धालुओं के लिए अत्यधिक महत्व रखता है।
श्रद्धालुओं की भावनाएँ
तिरुपति बालाजी मंदिर एक ऐसा स्थल है जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। प्रसाद का विशेष महत्व होता है, और यदि इसमें मिलावट के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह श्रद्धालुओं की भावनाओं को गहरा आघात पहुँचा सकता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि इस मामले में जल्दी से जल्दी निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए ताकि उन्हें विश्वास हो सके कि प्रसाद शुद्ध है और उनकी आस्था पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है।
आगे की प्रक्रिया
अब इस मामले की जांच में समय लगेगा और यह देखा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका का क्या परिणाम निकलता है। केंद्रीय और राज्य सरकारें इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही हैं, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही एक निष्पक्ष जांच शुरू होगी।