Roorkee: शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल शिक्षक संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. रामपाल सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर पहुंचा उनकी जन्मस्थली, शिक्षक राजनीति के पुरोधा को किया नमन
रुड़की। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष तथा ऑल इंडिया प्राइमरी टीचर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक चौहान के नेतृत्व में हरिद्वार के शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल अखिल भारतीय प्राथमि शिक्षक संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. रामपाल सिंह की प्रथम पुण्यतिथि पर उनकी जन्मस्थली गांव जसईपुर जिला बांदा, उत्तर प्रदेश में पहुंचा तथा श्रद्धांजलि सभा में शिक्षक राजनीति के पुरोधा को नमन किया।
भारत के प्रत्येक राज्य से श्रद्धांजलि सभा में विभिन्न शिक्षक प्रतिनिधियो ने रामपाल सिंह की प्रतिमा पर अपने-अपने राज्यों की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित किये। प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर राम पाल सिंह मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वाधान में पुस्तकालय की स्थापना की गई। यह फाउंडेशन सामाजिक न्याय, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहेगा। शिक्षक नेता अशोक चौहान ने बताया कि दिवंगत रामपाल सिंह के नेतृत्व में, अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अधिनियम (आरटीई) का लागू होना शामिल है।
इस ऐतिहासिक कानून ने भारत के सभी बच्चों के लिए मुफ्त प्राथमिक शिक्षा को एक मौलिक अधिकार बना दिया। राम पाल सिंह ने 2000 और 2014 में देशव्यापी शिक्षा यात्राओं का नेतृत्व किया। इन यात्राओं के माध्यम से उन्होंने सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिक्षकों के बेहतर वेतन और सेवा शर्तों की राज्य और केंद्र सरकारों से पुरजोर मांग उठाई। चट्टोपाध्याय आयोग, चौथे, पंचम, षष्ठम और सप्तम वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के लिए सरकारों को बाध्य कर, उन्होंने संपूर्ण देश के शिक्षकों को एक सम्मान जनक वेतन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए शिक्षक नेता अशोक चौहान ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक आंदोलन के एक अग्रणी नेता के रूप में स्थापित किया।
उन्होंने अमेरिका, अस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राजील, कंबोडिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, इंडोनेशिया, इटली, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, फिलीपीस, सिंगापुर, श्रीलंका, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, जिम्बाब्वे सहित अन्य दर्जनों देशों में भारतीय शिक्षकों का प्रतिनिधित्व किया। अशोक चौहान ने बताया कि
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक आंदोलन का नेतृत्व करते हुए, उन्होंने भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल के शिक्षकों को एकजुट करते हुए दक्षिण एशिया मे सार्क टीचर्स फेडरेशन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी ईमानदार छवि, अनुभव, और नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें 2000 से लगातार विश्व शिक्षक संघ में 80 लाख शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एशिया -पैसिफिक क्षेत्र के उपाध्यक्ष के रूप में चुना जाता रहा।
इस मौके पर उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला महामंत्री जितेंद्र कुमार चौधरी, विकासखंड नारसन के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष बीर सिंह पंवार एवं ठाठ सिंह सिंह भी मौजूद रहे।