Rishikesh में दिल्ली से घूमने आए पांच युवक, गंगा में बह गए दो, SDRF कर रही खोजबीन
Rishikesh, धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, जहां हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। इसी कड़ी में दिल्ली से घूमने आए पांच युवकों का समूह रविवार सुबह ऋषिकेश पहुंचा। लेकिन इस यात्रा के दौरान एक दुखद हादसा हो गया। गंगा में नहाते समय दो युवक तेज धार में बह गए और अब तक उनका कोई पता नहीं चला है। एसडीआरएफ की टीम उनकी तलाश में जुटी हुई है, लेकिन युवकों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली के किल्याण कैंप और साकेत इलाके से पांच युवक—आकाश (23) पुत्र इंदरपाल, संदीप (23) पुत्र गणेश, सचिन पुत्र राम तीरथ, राजीव चौधरी पुत्र सुभाष चंद, और महेश पुत्र दल चंद—घूमने के उद्देश्य से ऋषिकेश आए थे। पांचों युवकों ने सुबह शिवपुरी में गंगा किनारे स्नान करने का फैसला किया। यह स्थान अपने प्राकृतिक सौंदर्य और गंगा नदी के शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां गंगा की धाराएँ कभी-कभी बेहद खतरनाक हो सकती हैं, खासकर बरसात के मौसम में।
हादसे की शुरुआत
सुबह करीब 10 बजे, पांचों युवक गंगा में स्नान के लिए उतरे। पहले तो सब कुछ सामान्य था, लेकिन थोड़ी देर बाद आकाश और संदीप अचानक गंगा की तेज धारा की चपेट में आ गए। तेज पानी के बहाव के कारण वे खुद को संभाल नहीं सके और देखते ही देखते गंगा की लहरों में ओझल हो गए। बाकी साथी युवकों ने तुरंत मदद के लिए आवाज लगाई, लेकिन तब तक दोनों युवकों का कोई निशान नहीं था।
एसडीआरएफ की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) की टीम मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और गंगा के विभिन्न हिस्सों में तलाशी अभियान चलाया। तेज धाराओं के चलते तलाशी अभियान में काफी कठिनाइयाँ आ रही हैं, लेकिन एसडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन को जारी रखा हुआ है। रेस्क्यू टीम ने ड्रोन और बोट्स की सहायता से नदी के अलग-अलग हिस्सों में सघन तलाश की, लेकिन फिलहाल तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
गंगा का खतरनाक रूप
गंगा नदी का पानी आमतौर पर शांत और पवित्र माना जाता है, लेकिन इसमें कई जगहों पर खतरनाक धाराएँ होती हैं, जो देखने में शांत प्रतीत होती हैं, लेकिन उनके नीचे तेज बहाव होता है। खासकर मानसून के दौरान पानी का स्तर बढ़ जाता है और उसकी धाराएँ बेहद खतरनाक हो जाती हैं। हर साल गंगा में स्नान करते समय कई पर्यटक और स्थानीय लोग तेज धाराओं की चपेट में आकर बह जाते हैं। यह घटना भी इसी प्रकार के खतरों का एक उदाहरण है।
स्थानीय प्रशासन की चेतावनी
ऋषिकेश और इसके आस-पास के क्षेत्रों में स्नान करते समय पर्यटकों और श्रद्धालुओं को प्रशासन की तरफ से कई बार चेतावनी दी जाती है। गंगा के किनारे कई जगहों पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं, जिनमें यह साफ तौर पर लिखा होता है कि गंगा के कुछ हिस्सों में स्नान करना बेहद खतरनाक हो सकता है। इसके बावजूद, कई लोग इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर देते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं।
घटना के बाद का माहौल
हादसे के बाद से युवकों के परिवारों में कोहराम मच गया है। दिल्ली में उनके घरवाले इस दुखद समाचार को सुनकर व्याकुल हैं और लगातार प्रशासन से संपर्क बनाए हुए हैं। दूसरी ओर, ऋषिकेश में बाकी तीन युवक घटना के बाद से ही गहरे सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि आकाश और संदीप गंगा में थोड़ी दूर तक ही गए थे, लेकिन अचानक आए तेज बहाव ने उन्हें बहा दिया। स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है।
प्रशासनिक प्रयास
स्थानीय प्रशासन इस घटना के बाद से और सतर्क हो गया है। गंगा किनारे घूमने और स्नान करने वालों के लिए सुरक्षा मानकों को और भी सख्त किया जा रहा है। प्रशासन ने गंगा के आस-पास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी है और पर्यटकों से अपील की है कि वे गंगा में स्नान करने से पहले सुरक्षा नियमों का पालन करें। साथ ही प्रशासन ने गंगा के खतरनाक इलाकों की पहचान कर उन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू की है।
दुर्घटनाओं से बचने के उपाय
ऋषिकेश जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं। इन स्थानों पर दुर्घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन द्वारा कई प्रयास किए जाते हैं, लेकिन इन प्रयासों को सफल बनाने के लिए पर्यटकों की जागरूकता भी बेहद जरूरी है। पर्यटकों को चाहिए कि वे गंगा के खतरनाक इलाकों में स्नान करने से बचें और गाइड की सलाह का पालन करें। इसके अलावा, सरकार और प्रशासन को भी गंगा किनारे अधिक से अधिक सुरक्षा इंतजाम करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सके।