Tirupati laddu case: तिरुपति मंदिर के घी पर फैली अफवाहों के खिलाफ अमूल ने उठाया कदम

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Tirupati laddu case: हाल ही में देश की प्रमुख डेयरी उत्पाद कंपनी अमूल ने तिरुपति मंदिर में आपूर्ति किए गए घी को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाए गए अफवाहों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। अमूल ने स्पष्ट किया है कि कंपनी ने कभी भी तिरुपति मंदिर को घी की आपूर्ति नहीं की है और यह आरोप पूरी तरह से गलत है।

सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहें

अमूल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट के माध्यम से स्पष्ट किया कि उनका घी पूरी तरह से शुद्ध है और इसे ग्राहकों को जांच के बाद ही दिया जाता है। कंपनी ने कहा कि कुछ ऐसे सोशल मीडिया पोस्ट सामने आए हैं, जिनमें दावा किया गया है कि अमूल का घी तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में उपयोग किया गया है। यह अफवाह अमूल की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है।

साइबर क्राइम पुलिस में दर्ज की गई शिकायत

अमूल ने इस मामले में अपनी शिकायत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। कंपनी का कहना है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर इस तरह की गलत जानकारी फैलाई है, जिसका उद्देश्य अमूल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना है। अमूल के प्रबंधन के अनुसार, ऐसी भ्रामक जानकारी का मकसद कंपनी को बदनाम करना है।

अमूल के प्रबंध निदेशक का बयान

गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक जय मेहता ने इस मामले पर कहा, “कई दिनों से सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में मिलावटी घी का उपयोग किया जा रहा है, और कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यह घी अमूल द्वारा आपूर्ति किया गया है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अमूल ने कभी भी तिरुपति देवस्थानम को घी की आपूर्ति नहीं की है। हमने उन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है जो अमूल को इस विवाद में घसीटने की कोशिश कर रहे हैं।”

किसानों की आजीविका पर प्रभाव

मेहता ने आगे कहा, “अमूल 36 लाख किसान परिवारों का स्वामित्व है। ऐसी भ्रामक जानकारी उनके जीवनयापन पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, इसलिए हमने इस जानकारी के फैलने को रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की है। इस विवाद के चलते, हमने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके लोगों को सूचित किया है कि अमूल ने कभी भी तिरुपति देवस्थानम को घी की आपूर्ति नहीं की है। हमारे उत्पाद उच्चतम गुणवत्ता के होते हैं और सभी मानकों को पार करते हैं।”

चंद्रबाबू नायडू का आरोप

इस विवाद के बीच, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 19 सितंबर को आरोप लगाया कि पूर्व वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डुओं में निम्न गुणवत्ता के सामग्री और पशु वसा का उपयोग किया। इसके बाद, एक प्रयोगशाला रिपोर्ट ने भी पुष्टि की कि मंदिर में भक्तों को वितरित किए गए लड्डुओं में पशु वसा पाया गया। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने इसे “गंभीर मुद्दा” करार दिया है और तिरुपति लड्डुओं में पशु वसा का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

अमूल की गुणवत्ता की पुष्टि

अमूल ने इस मामले में सार्वजनिक रूप से स्पष्टता प्रदान की है और कहा है कि वह तिरुपति लड्डू विवाद में शामिल नहीं है और किसी भी संबंधित उत्पाद की आपूर्ति नहीं की है। अमूल घी हमेशा ग्राहकों को सर्वोत्तम गुणवत्ता में उपलब्ध कराया गया है, और कंपनी इस विवाद को लेकर गंभीर है।

अमूल का यह कदम न केवल अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करने के लिए है, बल्कि यह उन लाखों किसानों की आजीविका की सुरक्षा के लिए भी है जो अमूल से जुड़े हैं। इस प्रकार, कंपनी ने अपने उच्च मानकों और गुणवत्ता की पुष्टि करते हुए स्पष्ट किया है कि वह हमेशा अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है।

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