Zeenat Aman: बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा ज़ीनत अमान ने हमेशा से सामाजिक मानदंडों को तोड़ते हुए एक नया रास्ता बनाया है। 70 के दशक में, ज़ीनत अमान उस समय की सबसे खूबसूरत और बोल्ड हीरोइन मानी जाती थीं। अपने बेबाक़ अंदाज़ के लिए जानी जाने वाली ज़ीनत अमान ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक अनोखा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने उन महिलाओं को जवाब दिया है जो “आंटी” सुनकर नाराज़ हो जाती हैं।
आंटी टैग वाली टी-शर्ट
ज़ीनत अमान ने अपने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें उन्होंने एक सफेद टी-शर्ट पहनी हुई है, जिस पर “आंटी” लिखा हुआ है। उन्होंने इस फोटो के साथ एक लंबा पोस्ट भी लिखा है। ज़ीनत ने अपने पोस्ट में कहा, “किस स्मार्ट व्यक्ति ने यह तय किया कि ‘आंटी’ एक derogatory शब्द है? मैं इससे सहमत नहीं हूँ। हम जीवन में उन आंटियों के बिना क्या करेंगे जो हमें सुरक्षा देती हैं और हमारे जीवन को आसान बनाती हैं?”
आंटियों का महत्व
ज़ीनत अमान ने आगे लिखा कि भारतीय आंटियाँ हर जगह होती हैं। विशेष बात यह है कि किसी आंटी के साथ गहरा संबंध होना जरूरी नहीं है। “आंटी हमारे बुरे समय में हमारा साथ देती हैं, हमारी उदासी को समझती हैं और हमें गरमागरम खाना देती हैं। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि आंटियों के कारण जीवन कितना सुंदर हो जाता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि किसी महिला को “आंटी” कहने पर यदि कोई नकारात्मक सोच रखता है, तो वह उन जीवन के अनुभवों को नहीं समझता है जो आंटियाँ हमें देती हैं। ज़ीनत ने साझा किया कि उनके लिए आंटियाँ सगी माँ जैसी होती थीं। “जब मेरे बेटे बड़े हो रहे थे, मैं उन्हें आंटी के पास छोड़ देती थी। वह मेरी मदद करती थीं और उन्हें खाना खिलाती थीं। मैं आंटियों का सम्मान करती हूँ और आपको भी करना चाहिए।”
ज़ीनत अमान का बोल्ड व्यक्तित्व
ज़ीनत अमान ने बॉलीवुड में लंबे समय तक राज किया है। अपने करियर में उन्होंने 93 से अधिक फिल्मों में काम किया है और उस दौर में उन्होंने अपने लिए एक खास जगह बनाई थी। अपनी बोल्ड और बेफिक्र शैली के लिए जानी जाने वाली ज़ीनत अमान का नाम ही थिएटर में भीड़ खींचने के लिए काफी था।
1971 की फिल्म “हरे राम हरे कृष्णा” में ज़ीनत ने एक मजबूत, बोल्ड और बेफिक्र किरदार निभाकर सभी को हैरान कर दिया था। यह फिल्म उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुई और उन्होंने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना ली।
समाज में आंटियों का योगदान
ज़ीनत अमान का यह बयान न केवल एक व्यक्तिगत अनुभव साझा करता है, बल्कि यह भारतीय समाज में आंटियों के महत्व को भी रेखांकित करता है। आंटियाँ अक्सर हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा होती हैं, जो हमें जीवन के कठिन दौर में समर्थन देती हैं। चाहे वह पारिवारिक मामलों में हो या व्यक्तिगत संघर्षों में, आंटियाँ हमेशा हमारे साथ खड़ी होती हैं।