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Raj Thackeray ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ पर सरकार से पूछे कड़े सवाल, जानें उन्होंने क्या कहा

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Raj Thackeray: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के पक्ष में कई राजनीतिक दल हैं, वहीं कई दल इसके विरोध में भी हैं। इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर सरकार से कई कड़े सवाल पूछे हैं। ठाकरे ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर इतनी चिंतित है, तो पहले महाराष्ट्र में नगरपालिका चुनावों का आयोजन कराए। आइए जानते हैं राज ठाकरे ने इस मुद्दे पर और क्या कहा।

Raj Thackeray ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' पर सरकार से पूछे कड़े सवाल, जानें उन्होंने क्या कहा

पहले नगरपालिका चुनाव कराएं – राज ठाकरे

राज ठाकरे ने बुधवार को कहा कि अगर चुनावों को इतनी महत्वपूर्णता दी जा रही है, तो पहले नगरपालिका चुनाव कराएं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कई नगरपालिका निकायों के चुनाव लंबित हैं, जिनमें से कई जैसे कि बृहन्मुंबई नगरपालिका (BMC) के चुनाव पिछले कई वर्षों से नहीं हुए हैं। ठाकरे ने आरोप लगाया कि कई नगरपालिका निकायों का संचालन लगभग चार वर्षों से प्रशासकों के अधीन किया जा रहा है, जो कि जनता के अधिकारों का उल्लंघन है।

अगर राज्य सरकार गिरती है…

राज ठाकरे ने ‘एक देश, एक चुनाव’ पर केंद्र सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, लेकिन राज्यों के दृष्टिकोण पर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि अगर किसी राज्य सरकार का पतन होता है या विधानसभा को भंग किया जाता है, या यदि मध्यावधि लोकसभा चुनाव होते हैं, तो उस स्थिति में क्या किया जाएगा।

लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ

केंद्र सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ योजना को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनावों को एक साथ आयोजित करने की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। गृह मंत्री अमित शाह ने कैबिनेट के निर्णय की सराहना की और कहा कि यह देश में ऐतिहासिक चुनाव सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

राज ठाकरे के सवालों की पृष्ठभूमि

राज ठाकरे का यह बयान उस समय आया है जब केंद्र सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य विभिन्न चुनावों को एक साथ आयोजित करना है ताकि चुनावी खर्च और प्रशासनिक बोझ को कम किया जा सके। हालांकि, इस प्रस्ताव के खिलाफ कई राज्यों ने आपत्ति जताई है, जिसमें राज्यों के राजनीतिक दल और विभिन्न सामाजिक संगठन शामिल हैं।

राज ठाकरे ने जिन मुद्दों को उठाया है, वे चुनाव प्रक्रिया और प्रशासनिक प्रबंधन के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने संकेत दिया कि एक साथ चुनाव कराना केवल एक तकनीकी समाधान नहीं है, बल्कि यह स्थानीय और राज्य स्तरीय मुद्दों को भी संबोधित करना चाहिए।

फिलहाल की स्थिति

‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद, अब इसे विधायिका में प्रस्तुत किया जाएगा, जहां इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। राज्य सरकारों और राजनीतिक दलों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर इस प्रस्ताव में आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं।

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