Mukesh Bora: उत्तराखंड के नैनीताल मिल्क यूनियन के अध्यक्ष मुकेश बोर की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट द्वारा दी गई रोक को खारिज कर दिया गया है। इसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। बुधवार को पुलिस ने संभावित ठिकानों पर छापेमारी के लिए पांच टीमों का गठन किया, जिसमें एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की टीम भी शामिल है।
मामले की पृष्ठभूमि
1 सितंबर को ललकुआं कोतवाली में मुकेश बोर के खिलाफ बलात्कार की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में, मामले में POCSO एक्ट (चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट) की धाराएं भी जोड़ी गईं। पीड़िता ने बोर पर अपनी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया था। एफआईआर के दर्ज होते ही मुकेश बोर फरार हो गए थे और पुलिस ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
हाई कोर्ट का आदेश
मुकेश बोर ने गिरफ्तारी पर रोक के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर दी गई रोक को खारिज कर दिया। कोर्ट ने बोर को आदेश दिया था कि वे bail stay की आखिरी तारीख तक हर दिन अल्मोड़ा पुलिस स्टेशन में हाजिर हों, लेकिन बोर ने इस आदेश का पालन नहीं किया।
पुलिस की कार्रवाई
हाई कोर्ट द्वारा रोक खारिज किए जाने के बाद, पुलिस ने मुकेश बोर को पकड़ने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए पांच विशेष टीमों का गठन किया है, जिसमें एसओजी के साथ-साथ अन्य विशेषज्ञ निरीक्षक भी शामिल हैं। इन टीमों ने बुधवार को विभिन्न संभावित ठिकानों पर छापेमारी की।
पुलिस ने पहले ही मुकेश बोर के खिलाफ संपत्ति की जब्ती का वारंट जारी किया है। यदि बोर की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो पुलिस उनकी संपत्ति को जब्त कर सकती है। वर्तमान में, बोर का मोबाइल 17 सितंबर से स्विच ऑफ है और उन्होंने बुधवार को अल्मोड़ा कोतवाली में भी हाजिरी नहीं दी।
आगे की योजना
पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि मुकेश बोर की गिरफ्तारी के लिए सभी संभव स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। टीमों को अल्मोड़ा से लेकर नैनीताल तक संभावित ठिकानों पर भेजा गया है। SSP ने आश्वस्त किया कि बोर की गिरफ्तारी जल्द ही की जाएगी।
स्थिति का विश्लेषण
मुकेश बोर की गिरफ्तारी के मामले में अब तक की घटनाओं और पुलिस की सक्रियता को देखते हुए यह साफ है कि इस मामले में पुलिस का दबाव बढ़ गया है। बोर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, और इस दिशा में किए गए उपायों से लगता है कि जल्द ही मामले का समाधान हो सकता है।
सामाजिक दृष्टिकोण से, यह मामला अत्यंत संवेदनशील है और इसमें शामिल आरोप गंभीर हैं। मुकेश बोर की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया पर नज़र रखे जाने की आवश्यकता है ताकि न्याय की प्रक्रिया सही तरीके से पूरी हो सके और पीड़ित को न्याय मिल सके।