State Disaster Relief Fund: बढ़ी शक्तियां…अब मंडल आयुक्त 5 करोड़ और डीएम 1 करोड़ तक कर सकेंगे मंजूरी
State Disaster Relief Fund: उत्तराखंड में आपदा राहत कोष (SDRF) के तहत मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों को बढ़ा दिया गया है। अब मंडल आयुक्त अपनी स्तर पर 5 करोड़ रुपये तक की योजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे, जबकि जिलाधिकारी (DM) 1 करोड़ रुपये तक की मंजूरी अपने स्तर पर दे सकेंगे। यह फैसला बुधवार को राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया। बैठक में SDRF और राज्य आपदा न्यूनीकरण के तहत विभिन्न विभागों की 287.48 करोड़ रुपये की प्रस्तावित योजनाओं को भी मंजूरी दी गई। माना जा रहा है कि मंडल आयुक्त और डीएम के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों में वृद्धि से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी आएगी।
आपदा राहत कोष के तहत बढ़ी शक्तियां
राज्य में अक्सर प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं, जिससे बुनियादी ढांचे और संपत्तियों को भारी नुकसान होता है। ऐसे में आपदा राहत कोष (SDRF) का उद्देश्य इन प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत और पुनर्निर्माण कार्य करना है। इस बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों के अधिकार बढ़ाने का फैसला लिया गया ताकि वे त्वरित निर्णय लेकर काम को गति दे सकें। अब तक आपदा के बाद होने वाले कार्यों के लिए अनुमति प्राप्त करने में लंबा समय लगता था, लेकिन इस फैसले से उन कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सकेगा।
पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बैठक में संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि हॉल्द्वानी के गौला पार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर की सुरक्षा और बाढ़ से बचाव के लिए जल्द से जल्द बैठक आयोजित की जाए। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2024-25 में आपदा से प्रभावित संपत्तियों के पुनर्निर्माण के लिए पेयजल निगम, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY), लोक निर्माण विभाग (PWD) और यूपीसीएल (UPCL) को SDRF से 95 करोड़ रुपये आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि आवंटित की जाएगी। इसके साथ ही, मंडल आयुक्त और जिलाधिकारियों को दी गई नई वित्तीय शक्तियों से वे अपनी क्षेत्रीय स्तर पर त्वरित निर्णय ले सकेंगे, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी।
बाढ़ और भूस्खलन रोकने के लिए सुरक्षा कार्यों की मंजूरी
बैठक में राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें से कुछ प्रमुख प्रस्ताव इस प्रकार हैं:
1. देहरादून के सहस्रधारा मोटर मार्ग पर 4 किलोमीटर लंबे स्टील पुल का निर्माण।
2. उत्तरकाशी के नौगांव-सुनारा-कोटियालगांव मोटर मार्ग पर 5 किलोमीटर की क्षतिग्रस्त रिटेनिंग वॉल के सुरक्षा कार्य।
3. नौगांव-पथरगढ़-नंदगांव मोटर मार्ग पर 1 किलोमीटर सुरक्षा कार्य।
4. पौंती-मोल्दा मोटर मार्ग पर 2 किलोमीटर के सुरक्षा कार्य।
5. नैनीताल के भीमताल में अमृतपुर के दाहरा पुल पर सुरक्षा कार्य।
6. नैनीताल बाईपास मोटर मार्ग पर ड्रेनेज सुधार और सुरक्षा कार्य।
7. नंदप्रयाग-घाट-सुतोल नहर मोटर मार्ग पर सुरक्षा कार्य।
8. केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर सुरक्षा कार्य, जो भूस्खलन और बादल फटने से प्रभावित हुआ था।
9. छोटी लिनचोली, कुबेर ग्लेशियर, छानी कैंप में सुरक्षा कार्य।
10. मोरी विकासखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नीचे बाढ़ से बचाव कार्य।
11. सितारगंज में राज्य स्तरीय एकीकृत एक्वा पार्क की सुरक्षा के लिए सुखी और बेगुल नदी से बचाव योजना।
आपदा प्रबंधन के लिए तत्परता
उत्तराखंड में आपदाएं जैसे भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटना अक्सर होते रहते हैं। ऐसे में राज्य सरकार का उद्देश्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत कार्य करना और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। राज्य आपदा राहत कोष के तहत मिली इस नई शक्ति से स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को आपदा के समय त्वरित निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे बचाव और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी आएगी।
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन के लिए पूरी तरह से तैयार है और संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय-समय पर आपदा प्रबंधन योजना की समीक्षा करें। इसके साथ ही, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और स्थानीय लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए विशेष योजनाओं को लागू करने का काम किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रमुख योजनाएं
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए SDRF के तहत कई प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी गई है। पेयजल निगम, PMGSY, लोक निर्माण विभाग और यूपीसीएल को आपदा प्रभावित संपत्तियों के पुनर्निर्माण के लिए 95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए कई सुरक्षा योजनाओं को भी मंजूरी दी है, जिनमें पुलों और सड़कों के निर्माण के साथ-साथ बाढ़ से बचाव के उपाय भी शामिल हैं।