Girls Self Defense Training in School: उत्तराखंड की सरकारी स्कूलों में बेटियों को मिलेगा ‘रानी लक्ष्मीबाई’ का प्रशिक्षण, सीखेंगी जूडो-कराटे और ताइक्वांडो
Girls Self Defense Training in School: उत्तराखंड की सरकारी स्कूलों की बेटियों के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब सरकारी स्कूलों की बेटियां आत्मरक्षा के तकनीकी कौशल में प्रशिक्षित की जाएंगी। इसके अंतर्गत उन्हें जूडो, कराटे और ताइक्वांडो जैसे मार्शल आर्ट्स की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इस प्रयास का मुख्य उद्देश्य न केवल बेटियों को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि उनके सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है। इस पहल से वे किसी भी अपराधी या शरारती तत्व को मुहतोड़ जवाब दे सकेंगी, जिससे उनके माता-पिता की चिंता भी कम होगी।
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण की योजना
सरकार ने इस योजना का नाम ‘रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण’ रखा है। इसके तहत, 6वीं से 12वीं कक्षा तक की कुल 2,550 छात्राओं को पहले चरण में आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में जूडो, कराटे और ताइक्वांडो के विशेष पाठ्यक्रम शामिल होंगे। स्कूल के प्रिंसिपल को स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित प्रशिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी, जो इन कला विधाओं में छात्राओं को प्रशिक्षण देंगे।
प्रशिक्षण की व्यवस्था और वित्तीय प्रावधान
प्रशिक्षण की प्रक्रिया तीन महीने की अवधि के लिए होगी। इसके लिए चयनित 680 प्राथमिक स्कूलों और 1870 माध्यमिक स्कूलों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत शामिल किया गया है। प्रत्येक स्कूल को प्रशिक्षक नियुक्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये प्रशिक्षक जूडो, कराटे और ताइक्वांडो के अलग-अलग प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन करेंगे।
प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक स्कूल को प्रति माह पांच हजार रुपये दिए जाएंगे, जो तीन महीने तक जारी रहेगा। इस पूरी योजना के लिए सरकार ने कुल तीन करोड़ 82 लाख 50 हजार रुपये की व्यवस्था की है। इन फंड्स का उपयोग प्रशिक्षकों की फीस, प्रशिक्षण सामग्री और अन्य आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा।
छात्राओं को आत्मरक्षा की दक्षता
इस प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को न केवल आत्मरक्षा के बुनियादी कौशल सिखाए जाएंगे, बल्कि उन्हें एक साथ कई हमलावरों से बचाव के तरीके भी बताए जाएंगे। जूडो, कराटे और ताइक्वांडो के माध्यम से वे अपने आत्मसुरक्षा के कौशल को बेहतर बना सकेंगी।
समाज में सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का संदेश
इस योजना का उद्देश्य केवल छात्राओं को शारीरिक रूप से मजबूत बनाना नहीं है, बल्कि उन्हें मानसिक और आत्मिक रूप से भी सशक्त बनाना है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से वे समाज में आत्म-विश्वास और सुरक्षा की भावना विकसित कर सकेंगी।