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Uttarakhand: चौरासी कुटिया को सुंदर बनाने के लिए DPR का काम शुरू, पर्यटकों के लिए बनेगा आकर्षण का केंद्र

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Uttarakhand: उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित महर्षि महेश योगी का आश्रम, चौरासी कुटिया, अब एक बार फिर से अपनी पुरानी चमक लौटाने के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने इस ऐतिहासिक स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए Detailed Project Report (DPR) बनाने का काम शुरू कर दिया है। इस परियोजना के अंतर्गत चौरासी कुटिया को एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में तैयार किया जाएगा, जिससे यह देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण केंद्र बनेगा।

Uttarakhand: चौरासी कुटिया को सुंदर बनाने के लिए DPR का काम शुरू, पर्यटकों के लिए बनेगा आकर्षण का केंद्र

चौरासी कुटिया का ऐतिहासिक महत्व

चौरासी कुटिया, महर्षि महेश योगी द्वारा 1961 में 7.5 हेक्टेयर भूमि पर स्थापित किया गया था। यह आश्रम अपने 140 गुंबदाकार कुटिया और 84 ध्यान योग कुटिया के लिए प्रसिद्ध है। इस आश्रम की ख्याति 1968 में बढ़ी जब इंग्लैंड के प्रसिद्ध बैंड, बीटल्स के चार सदस्य यहाँ ध्यान और योग के लिए आए। उस समय की यात्रा ने चौरासी कुटिया को वैश्विक मान्यता दिलाई।

हालांकि, 2000 में वन विभाग द्वारा इस आश्रम का अधिग्रहण कर लिया गया था, लेकिन रखरखाव की कमी के कारण यह स्थल अब खंडहर में बदल चुका है। गुंबदाकार कुटिया की छतें जर्जर हो गई हैं और घास और झाड़-झंखाड़ यहां उग गए हैं।

DPR और पर्यटन विकास की योजना

चौरासी कुटिया के पर्यटन विकास के लिए DPR तैयार करने का कार्य पर्यटन विभाग के सलाहकार द्वारा किया जा रहा है। DPR के तैयार होने के बाद, वन विभाग की सहमति से पर्यटन विकास कार्य किया जाएगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि चौरासी कुटिया के पर्यटन विकास कार्य के लिए DPR जल्द से जल्द तैयार किया जाए।

इस परियोजना के तहत, चौरासी कुटिया को एक आधुनिक पर्यटन स्थल में बदलने की योजना है जिसमें विभिन्न सुविधाएं और आकर्षण जोड़े जाएंगे। इस विकास कार्य से यह स्थल न केवल स्थानीय लोगों बल्कि देश और विदेश के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण केंद्र बनेगा।

चौरासी कुटिया को नया जीवन देने की योजना

योजना के अनुसार, चौरासी कुटिया को सुंदरता और समृद्धि की ओर वापस लाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:

  • रखरखाव और मरम्मत: चौरासी कुटिया की जर्जर हो चुकी संरचनाओं की मरम्मत की जाएगी। गुंबदाकार कुटिया की छतों और अन्य संरचनाओं को ठीक किया जाएगा। इसके अलावा, घास और झाड़ियों को हटाकर स्थल को साफ किया जाएगा।
  • आधुनिक सुविधाएं: चौरासी कुटिया में पर्यटकों की सुविधा के लिए आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। इसमें स्वच्छता, सुरक्षा, और सुविधाजनक आवास की व्यवस्था की जाएगी।
  • पर्यटन गतिविधियां: इस स्थल पर विभिन्न पर्यटन गतिविधियों की योजना बनाई जाएगी। इसमें ध्यान और योग कार्यशालाएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और ऐतिहासिक दौरे शामिल हो सकते हैं।
  • प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर: चौरासी कुटिया के प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखते हुए और सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखते हुए इसे विकसित किया जाएगा।
  • सुरक्षा और निगरानी: पर्यटकों की सुरक्षा के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। साइट पर निगरानी और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी।

पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

चौरासी कुटिया की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए, यह स्थल आने वाले पर्यटकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। यहाँ की शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण लोगों को ध्यान और आत्म-विश्लेषण के लिए प्रेरित करेगा। इसके अलावा, बीटल्स जैसी विश्व प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा यहाँ ध्यान की यात्रा ने इस स्थल की प्रसिद्धि को बढ़ाया है।

उत्तराखंड सरकार की यह पहल न केवल चौरासी कुटिया को फिर से जीवंत करेगी, बल्कि यह राज्य के पर्यटन उद्योग को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। पर्यटकों के लिए एक नए और आकर्षक स्थल के रूप में चौरासी कुटिया की पहचान बनाना राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी।

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