Laptops scheme: इन दिनों एक व्हाट्सएप संदेश वायरल हो रहा है जिसमें सरकार द्वारा छात्रों को मुफ्त लैपटॉप देने की योजना की बात की जा रही है। संभव है कि आपने या आपके किसी परिचित ने भी ऐसा ही संदेश प्राप्त किया हो। इस संदेश में दावा किया जा रहा है कि सरकार आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को मुफ्त लैपटॉप दे रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि कुल 9.60 लाख लैपटॉप मुफ्त में वितरित किए जाएंगे। इसके लिए एक फॉर्म भरने के लिए कहा जा रहा है।
क्या है यह योजना?
वर्तमान में कई राज्य सरकारें छात्रों को मुफ्त लैपटॉप, टैबलेट या मोबाइल फोन प्रदान कर रही हैं। हालांकि, केंद्रीय सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। संदेश में एक लिंक साझा की जा रही है, जिस पर क्लिक करने पर एक आवेदन फॉर्म खुलता है। इस फॉर्म में बताया जा रहा है कि 10 से 50 वर्ष की आयु के लोगों को मुफ्त लैपटॉप दिए जाएंगे। इसके अलावा, इस फॉर्म में पूरा नाम, शिक्षा स्तर, लैपटॉप ब्रांड, आयु आदि की जानकारी मांगी जा रही है।
वायरल संदेश फेक है
PIB फैक्ट चेक ने इस वायरल हो रहे व्हाट्सएप संदेश को फेक घोषित कर दिया है। इसके साथ ही उपयोगकर्ताओं को एक चेतावनी भी जारी की गई है। इस संदेश में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से हैकर्स आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुरा सकते हैं और आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है। ऐसे वायरल संदेशों को न फैलाएं और दिए गए लिंक पर क्लिक न करें।
गलती से भी न करें ये काम
इन दिनों साइबर अपराधी लोगों को जाल में फंसाने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं। ठग मुफ्त योजना, मुफ्त रिचार्ज, मुफ्त डिलीवरी, डिस्काउंट कूपन आदि के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं और बड़ा साइबर फ्रॉड कर रहे हैं। यदि आपको भी ऐसे किसी मुफ्त योजना का संदेश या कॉल मिलता है, तो उसे नजरअंदाज करें ताकि आपके साथ किसी प्रकार की ठगी न हो।
सावधानी रखें
साइबर अपराधियों से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
- अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी संदेश में मिले लिंक पर बिना जांचे क्लिक न करें।
- व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: किसी भी अनजान स्रोत को अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पते, बैंक विवरण आदि न दें।
- सरकारी योजनाओं की पुष्टि करें: किसी भी सरकारी योजना की जानकारी प्राप्त करने के लिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या भरोसेमंद समाचार स्रोतों की जांच करें।
- संदेश की प्रमाणिकता की जांच करें: वायरल संदेश के फेक होने की जांच करने के लिए संबंधित सरकारी विभाग या फैक्ट चेकिंग वेबसाइट्स की सहायता लें।
इन सावधानियों को अपनाकर आप साइबर ठगी से बच सकते हैं और अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।