Weather Update Uttarakhand: उत्तराखंड में हल्की बारिश की संभावना, मौसम विभाग ने किया येलो अलर्ट जारी, 17 सितंबर से भारी बारिश की चेतावनी
Weather Update Uttarakhand: उत्तराखंड में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदलने की संभावना है। सोमवार को राज्य के कुछ जिलों में मौसम हल्का सा बदल सकता है, जिसमें देहरादून, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, 17 सितंबर से राज्य में एक और मानसूनी दौर की शुरुआत होने की संभावना है। इस दौरान 17 से 19 सितंबर तक लगभग सभी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
रविवार का मौसम: बारिश से राहत, धूप ने दिया सुकून
रविवार को पूरे राज्य में हल्के बादलों के बीच धूप खिली रही, जिससे बारिश से जूझ रहे आम लोगों को थोड़ी राहत मिली। देहरादून सहित अन्य जिलों में धूप के चलते अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री ज्यादा 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस रहा। पंतनगर का अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री कम था, जबकि न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
प्रमुख क्षेत्रों में तापमान का हाल
मुख्तेश्वर का अधिकतम तापमान 21.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री ज्यादा था, वहीं न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा था। टिहरी में अधिकतम तापमान 25.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा था, जबकि न्यूनतम तापमान 16.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अगले दो दिनों में कम बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, राज्य में अगले दो दिनों तक बारिश की संभावना कम है। हालांकि, 17 सितंबर से एक बार फिर से मानसून सक्रिय होने की संभावना है। इस दौरान सभी जिलों में भारी बारिश हो सकती है और इसी के मद्देनज़र मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।
येलो अलर्ट का मतलब और इसकी सावधानियां
येलो अलर्ट का मतलब होता है कि मौसम के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इसमें लोगों को भारी बारिश, जलभराव, भूस्खलन और पहाड़ी इलाकों में सड़कें अवरुद्ध होने जैसी समस्याओं से सावधान रहने की सलाह दी जाती है। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने वालों को सतर्क रहने की जरूरत होती है, क्योंकि बारिश के कारण सड़क दुर्घटनाएं और भूस्खलन की संभावना बढ़ जाती है।
देहरादून और नैनीताल में हल्की बारिश की संभावना
सोमवार को देहरादून और नैनीताल जैसे क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है। देहरादून में अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। नैनीताल और पिथौरागढ़ जैसे पहाड़ी जिलों में भी हल्की बारिश के साथ ठंडक का अहसास हो सकता है।
मानसून के दोबारा सक्रिय होने की संभावना
उत्तराखंड में मानसून का दौर समाप्त होने के बाद अब एक बार फिर से इसका असर देखने को मिल सकता है। 17 सितंबर से 19 सितंबर के बीच राज्य में भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने का खतरा भी बना रहेगा। विशेषकर गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्रों में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है, जहां बारिश के कारण जलभराव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए विशेष हिदायतें
मौसम विभाग के येलो अलर्ट को देखते हुए किसानों और स्थानीय निवासियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। बारिश के कारण फसलें प्रभावित हो सकती हैं और पानी की अधिकता के कारण खेतों में जलभराव हो सकता है। ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करें। वहीं, स्थानीय निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम की जानकारी पर ध्यान दें।
पर्यटन पर असर
उत्तराखंड एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। मानसून के सक्रिय होने से और येलो अलर्ट जारी होने के बाद, राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे नैनीताल, मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार में भी पर्यटन प्रभावित हो सकता है। खासकर पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण यात्रा में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में पर्यटकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की जानकारी प्राप्त कर ही यात्रा की योजना बनाएं।
उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
उत्तराखंड में मौसम में आए इस बदलाव का एक बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन भी है। राज्य में मानसून का समय बदलता जा रहा है और इसका प्रभाव खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक दिखाई देता है। मानसून के अनियमित पैटर्न के कारण बारिश की तीव्रता और अवधि में बदलाव हो रहे हैं, जिससे भूस्खलन, बाढ़ और अन्य आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है।
राज्य सरकार की तैयारियां
येलो अलर्ट के मद्देनजर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं और आपदा प्रबंधन दलों को सक्रिय कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। इसके साथ ही सड़कें बंद होने की स्थिति में वैकल्पिक मार्गों की जानकारी भी यात्रियों को दी जा रही है।