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Himanta Biswa Sarma’s appeal: “उल्फा-आई को आतंकवाद से नहीं, लोकतंत्र में अन्य तरीकों से समाधान तलाशना चाहिए”

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Himanta Biswa Sarma’s appeal: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिबंधित उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बारूआ से शांति की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अगले 10 वर्षों में एक शक्तिशाली राज्य बनने की दिशा में बढ़ रहा है। पहले असम को आंदोलन, बाढ़ और उग्रवाद के लिए जाना जाता था, लेकिन अब इसे देश के सबसे तेजी से बढ़ते और निवेश के अनुकूल राज्यों में गिना जाता है।

Himanta Biswa Sarma's appeal: "उल्फा-आई को आतंकवाद से नहीं, लोकतंत्र में अन्य तरीकों से समाधान तलाशना चाहिए"

असम में बम विस्फोट की घटनाएं चिंता का विषय

मुख्यमंत्री सरमा ने 15 अगस्त को राज्य में बम लगाना एक गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य में हो रही विकास और प्रगति को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, मुख्यमंत्री का विश्वास है कि अगर राज्य में शांति कायम रहती है और युवाओं के बीच सहयोग और उत्साह रहेगा, तो असम अगले 10 वर्षों में एक शक्तिशाली राज्य बनेगा। उन्होंने उल्फा (आई) के प्रमुख से अपील की है कि वे ऐसी गतिविधियों में शामिल न हों जो युवाओं के भविष्य को खतरे में डालती हों।

लोकतंत्र में विचारों का टकराव होता है

प्रतिबंधित उल्फा (आई) ने स्वतंत्रता दिवस पर असम में एक श्रृंखला विस्फोटों को अंजाम देने के लिए 24 जगहों पर बम लगाने का दावा किया था। हालांकि, पुलिस ने आठ जगहों से बम बरामद किए। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि लोकतंत्र में विचारों का टकराव होता है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि असम सुरक्षित और शांतिपूर्ण रहे।

मुख्यमंत्री ने अपनी अपील में जोर दिया कि असम के विकास और प्रगति के लिए शांति और सुरक्षा बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अगर उल्फा (आई) के लोग लोकतांत्रिक तरीकों का पालन करें और शांति को प्राथमिकता दें, तो असम के विकास को कोई रोक नहीं सकता।

असम के भविष्य के लिए शांति की अपील

मुख्यमंत्री सरमा ने असम के लोगों से भी अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और विकास की दिशा में योगदान करें। उन्होंने कहा कि असम की प्रगति की दिशा में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है और शांति से ही राज्य के विकास की राह प्रशस्त होगी।

असम के विकास के लिए एक स्थिर और शांतिपूर्ण माहौल की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री की यह अपील उल्फा (आई) और अन्य उग्रवादी समूहों के लिए एक संदेश है कि लोकतंत्र में शांति और विकास के लिए अन्य तरीके अपनाने की आवश्यकता है, न कि आतंकवाद और हिंसा के माध्यम से।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की यह अपील असम के भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकती है, जो राज्य को आतंकवाद और उग्रवाद से मुक्त कर विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।

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