Uttarakhand: उत्तराखंड पुलिस ने उन तीन शातिर लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जो मासूम यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने का झांसा देकर लिफ्ट देने के बहाने उन्हें ठगते थे। पुलिस ने इस interstate स्तर पर सक्रिय ठगी करने वाले गिरोह के पास से चोरी किया गया सामान, पैसे और वह वाहन भी बरामद कर लिया है जिसका उपयोग ठगी में किया जाता था।
दो लोगों ने की थी शिकायत
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया ने बताया कि 12 सितंबर को ऋषिकेश कोतवाली में दो अलग-अलग लोगों ने इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता खीलानंद नौटियाल, ग्राम सभा आदनी, रोंतल तहसील चिन्यालीसौड़, जिला उत्तरकाशी निवासी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह सुबह 7:15 बजे के करीब ऋषिकेश बस स्टैंड पर उत्तरकाशी जाने वाली रोडवेज बस का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान बस स्टैंड के गेट पर खड़े करीब 60 साल के एक व्यक्ति ने उन्हें सामने खड़ी एक सफेद कार में लिफ्ट देने की पेशकश की और उत्तरकाशी तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
कार में बैठे थे तीन लोग
खीलानंद ने बताया कि उस कार में ड्राइवर समेत तीन लोग बैठे हुए थे। आरोप है कि जैसे ही वे कुछ आगे बढ़े, उन लोगों ने आधार कार्ड मांगा। इसके बाद उन लोगों ने खीलानंद से 18,000 रुपये नकद लेकर एक लिफाफे में रख दिए। लेकिन जब वे भद्रकाली पहुंचे तो उन लोगों ने खीलानंद को खाली लिफाफा थमा दिया और कार से उतार दिया।
गढ़वाल पुलिस को दी गई शिकायत
दूसरे शिकायतकर्ता, चतुराम, गांव आमोली पट्टी बरजुला कीर्तिनगर गढ़वाल निवासी हैं। उन्होंने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ ऋषिकेश बस स्टैंड पर कीर्तिनगर जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे थे। सुबह 9:15 बजे के करीब एक स्विफ्ट कार उनके पास आकर रुकी और उन्हें श्रीनगर छोड़ने का लालच देकर कार में बैठा लिया। उस समय कार में ड्राइवर सहित दो और लोग पहले से बैठे थे।
ठगों का शातिर तरीका
दोनों शिकायतकर्ताओं के साथ ठगी का तरीका एक जैसा था। ठग मासूम यात्रियों को लिफ्ट देने के बहाने कार में बैठाते थे और फिर किसी बहाने से उनसे पैसे ले लेते थे। इसके बाद ठग पैसे लेकर उन्हें खाली लिफाफा थमा देते और किसी सुनसान जगह पर उतार देते थे। इस गिरोह का काम करने का तरीका बहुत ही शातिर था और वे अपने शिकार को बहुत ही चतुराई से ठगते थे।
पुलिस ने ऐसे पकड़ा गिरोह
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए इस गिरोह को पकड़ने की योजना बनाई। पुलिस ने दोनों शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की और घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। इसके साथ ही पुलिस ने वाहनों की जांच शुरू की और रास्तों पर वाहनों की चेकिंग बढ़ा दी। पुलिस को अंततः उस सफेद कार का सुराग मिला जिसका उपयोग ठगी के लिए किया जा रहा था।
तीन आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने एक विशेष अभियान चलाकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरोह के तीनों सदस्यों को उत्तराखंड और पड़ोसी राज्यों में ठगी की घटनाओं में शामिल पाया गया है। पुलिस ने उनके पास से ठगी के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली कार, चोरी का सामान और नकदी बरामद की है।
अंतरराज्यीय स्तर पर ठगी
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि यह गिरोह केवल उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी इसी तरह से लोगों को ठगता था। ये ठग खासतौर से उन जगहों पर सक्रिय रहते थे जहां बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या ऐसे स्थान होते हैं जहां लोग यात्रा के लिए वाहन का इंतजार करते हैं। मासूम और भोले यात्रियों को आसानी से शिकार बनाकर यह गिरोह उन्हें ठग लेता था।
पुलिस की अपील
पुलिस ने यात्रियों से अपील की है कि वे अनजान लोगों से लिफ्ट न लें और वाहन में बैठने से पहले उसकी पूरी जांच कर लें। साथ ही, अगर किसी को इस तरह की घटना का शिकार बनते हैं तो तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। पुलिस ने जनता को जागरूक करने के लिए भी कदम उठाए हैं ताकि कोई भी व्यक्ति इस तरह की ठगी का शिकार न बने।