Uttarakhand Rains: रामनगर में पर्यटकों और भक्तों की मुश्किलें बढ़ीं, गार्जिया मंदिर में जलस्तर बढ़ने से रोक लगी
Uttarakhand Rains: पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। रामनगर और इसके आसपास के इलाकों में स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। विशेष रूप से, कुसुमा नदी के उफान और गर्जिया देवी मंदिर के बंद होने के कारण पर्यटक और भक्त दोनों ही समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
कोरट पार्क में सफारी रद्द
बात करें रामनगर के कोरट पार्क की, तो यहां बारिश के कारण शुक्रवार को सभी प्रकार की सफारी रद्द कर दी गई है। कोरट पार्क के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि बारिश की वजह से पार्क के भीतर बहने वाली नदियों औरStreams का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इसलिए, सुरक्षा की दृष्टि से दhela, झीरना और गर्जिया पर्यटन क्षेत्रों में सुबह और शाम की शिफ्ट में सफारी को रद्द करने का निर्णय लिया गया। जिन पर्यटकों की सफारी रद्द की गई है, उनके बुकिंग पैसे वापस नहीं किए जाएंगे।
गिरिजा देवी मंदिर का बंद होना
बारिश के चलते कुसुमा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है, जिससे गर्जिया देवी मंदिर के गेट के बाहर पानी का स्तर बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए मंदिर को बंद कर दिया गया है और भक्तों को पुल से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई है। मंदिर परिसर में बने अस्थायी प्रसाद की दुकानों की छप्पर और पोल भी बह गए हैं। मंदिर के प्रधान पुजारी मनोज चंद्र पांडे ने कहा कि मंदिर के खोले जाने का निर्णय नदी के जलस्तर पर निर्भर करेगा।
शिप्रा नदी का उफान
ग्रामपानी खैरना क्षेत्र में शिप्रा नदी के उफान ने स्थानीय निवासियों की नींद उड़ा दी है। लगातार दो दिनों की मूसलधार बारिश के बाद नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे लोगों के घरों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। शिप्रा नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि यह बाढ़ सुरक्षा उपायों को पार कर गया है और अब स्थानीय निवासियों के घरों के पास बह रही है।
बाजार और व्यापार प्रभावित
शिप्रा नदी के उफान से बाजार में अधिकांश दुकानें बंद रहीं। स्थानीय निवासी नदी के बहाव पर लगातार नजर रखे हुए हैं, और स्थिति को लेकर चिंतित हैं। चार साल पहले भी शिप्रा नदी ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें तीन घर पूरी तरह से तबाह हो गए थे और दर्जनों घरों को गंभीर नुकसान हुआ था।
भारी बारिश और बाढ़ के प्रभाव
भारी बारिश और बाढ़ ने कुसुमा घाटी में लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। सड़कें, पुल, और अन्य ढांचे जलमग्न हो गए हैं, जिससे आवागमन की समस्याएं बढ़ गई हैं। ग्रामीणों को विशेष रूप से अस्थायी दुकानों और धार्मिक स्थलों के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से कुछ पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं।
अधिकारियों की स्थिति और कार्रवाई
स्थानीय प्रशासन और अधिकारी बाढ़ और बारिश की स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। राहत कार्यों को तेज किया गया है और प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री जैसे दूध, पीने का पानी और खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य समय पर और प्रभावी ढंग से किए जाएं।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में हाल की भारी बारिश ने रामनगर और इसके आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। पर्यटकों की सफारी रद्द हो गई है, गिरिजा देवी मंदिर बंद कर दिया गया है, और शिप्रा नदी का उफान स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, और उम्मीद है कि स्थिति में सुधार होगा और जल्द ही जीवन सामान्य हो सकेगा।