International Buddhist Conference: दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन की शुरुआत, पूर्व फुटबॉल कप्तान बैचुंग भूटिया ने किया उद्घाटन

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International Buddhist Conference: अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महासंघ (IBC) और विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय फाउंडेशन (VIF) द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध मीडिया सम्मेलन का आयोजन बुधवार, 11 सितंबर को दिल्ली में हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य नैतिक पत्रकारिता को बढ़ावा देना, विचारशील संवाद को प्रोत्साहित करना और एशिया भर में बौद्ध मीडिया पेशेवरों का नेटवर्क स्थापित करना है।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान बैचुंग भूटिया थे। सम्मेलन में VIF के अध्यक्ष गुरुमूर्ति और विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय फाउंडेशन के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता भी मौजूद रहे।

बैचुंग भूटिया का संदेश

मुख्य अतिथि बैचुंग भूटिया ने कार्यक्रम में कहा, “बौद्ध धर्म जीवन जीने का एक तरीका है। बुद्ध की शिक्षाओं में शांति और बलिदान का संदेश है। बौद्ध धर्म शांति और भाईचारे को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मीडिया इस संदेश को विश्व भर में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

डॉ. अरविंद गुप्ता की टिप्पणी

VIF के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता ने कहा, “सभ्यता के मूल्यों को बहाल करने के लिए विचार और क्रियाएँ दोनों महत्वपूर्ण हैं। वर्षों से हिंदू और बौद्ध विद्वानों ने इन मुद्दों पर चर्चा की है। यह महत्वपूर्ण है कि बौद्ध धर्म के नैतिक आचरण और प्रबोधन पर ध्यान केंद्रित किया जाए और मीडिया इसे संतुलित और नैतिक रिपोर्टिंग के लिए अपनाए।”

गुरुमूर्ति का दृष्टिकोण

VIF के अध्यक्ष गुरुमूर्ति ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में दुनिया ने बहुत पीड़ा झेली है। दूसरी ओर, भारत ने महान दार्शनिक परंपराओं को जन्म दिया है। यह आधुनिक संचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महासंघ की योजनाएँ

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महासंघ के निदेशक अभिजीत हल्दर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कार्यक्रम को मीडिया से अच्छा प्रतिसाद मिला है। हल्दर ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महासंघ अपने अगले सम्मेलन का आयोजन भव्य पैमाने पर करेगा। यह समय है कि बुद्ध के शिक्षाओं को संघर्ष निवारण और सतत विकास के क्षेत्र में अपनाया जाए। भारत बुद्ध की भूमि है, यह हमारे लिए एक आकर्षण है।”

सम्मेलन की प्रमुख बातें

  1. बौद्ध धर्म का महत्व: बैचुंग भूटिया ने बौद्ध धर्म को जीवन जीने का एक तरीका बताते हुए इसकी शांति और बलिदान की शिक्षाओं पर जोर दिया। उनका मानना है कि बौद्ध धर्म शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने में सहायक है और मीडिया इसे विश्व भर में फैलाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
  2. नैतिक पत्रकारिता पर जोर: डॉ. अरविंद गुप्ता ने बौद्ध धर्म के नैतिक आचरण और प्रबोधन को मीडिया के लिए अपनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका मानना है कि मीडिया को संतुलित और नैतिक रिपोर्टिंग पर ध्यान देना चाहिए।
  3. भारत का दार्शनिक योगदान: गुरुमूर्ति ने भारत के दार्शनिक परंपराओं के महत्व पर चर्चा की और कहा कि ये आधुनिक संचार के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  4. भविष्य की योजनाएँ: अभिजीत हल्दर ने भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महासंघ द्वारा आयोजित सम्मेलन की योजनाओं की जानकारी दी और बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को संघर्ष निवारण और सतत विकास के क्षेत्र में अपनाए जाने की बात की।

इस सम्मेलन ने बौद्ध धर्म की शिक्षाओं और उनके वैश्विक प्रभाव को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। बौद्ध धर्म की नैतिक और शांति-प्रेरक शिक्षाएँ आज की दुनिया में और भी अधिक प्रासंगिक हैं, और यह सम्मेलन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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