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Rahul Gandhi ने ‘INDI एलायंस’ के फुल फॉर्म पर की गलती, विदेशी पत्रकार ने किया स्पष्टीकरण; वीडियो हुआ वायरल

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Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद और लोकसभा विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी विदेश यात्रा के दौरान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अमेरिका में उनकी यात्रा के दौरान एक सवाल-जवाब सत्र के दौरान एक विदेशी पत्रकार ने राहुल गांधी से ‘INDI एलायंस’ के पूर्ण रूप के बारे में पूछा। इस सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमें ‘INDI एलायंस’ नहीं बल्कि ‘India Alliance’ कहा जाना चाहिए। उनका कहना था कि भाजपा लोग इसे गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहे हैं।

Rahul Gandhi ने 'INDI एलायंस' के फुल फॉर्म पर की गलती, विदेशी पत्रकार ने किया स्पष्टीकरण; वीडियो हुआ वायरल

विदेशी पत्रकार की टिप्पणी

जब राहुल गांधी ने ‘India Alliance’ के बारे में बात की, तो पत्रकार ने पूछा कि भारत में दो ‘A’ नहीं होते, तो ‘India Alliance’ कैसे हो सकता है? इस सवाल पर राहुल गांधी ने जवाब दिया कि इसमें ‘A’ का मतलब ‘Alliance’ होता है। राहुल गांधी के इस जवाब को सुनकर सत्र में मौजूद एंकर भी मुस्कुरा उठे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद, भाजपा नेताओं और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं।

भाजपा का निशाना

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीया ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राहुल गांधी, जो तीसरी बार असफल हुए, उन्हें विदेश में एक छात्र ने सिखाया कि यह ‘INDI एलायंस’ है, ‘India Alliance’ नहीं।”

भाजपा के राज्यसभा सांसद राधा मोहन अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “भारत को भूल जाइए, राहुल गांधी अमेरिका में भी पूरी तरह से बेनकाब हो गए। राहुल ‘INDI एलायंस’ को झूठा कहते रहते हैं और इसे ‘India Alliance’ कहते हैं, विदेशी पत्रकार ने टिप्पणी की कि नहीं, यह केवल ‘Indy Alliance’ हो सकता है, और ‘India Alliance’ नहीं। एक भ्रमित राहुल कोई जवाब नहीं दे सके।”

राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला

इस बीच, अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया। राहुल गांधी ने कहा, “चुनावों से पहले हम बार-बार कह रहे थे कि संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया है। हमारे पास एक निष्पक्ष खेल मैदान नहीं है। शिक्षा प्रणाली पर आरएसएस का कब्जा है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर भी कब्जा है। हम यह बार-बार कह रहे थे, लेकिन लोगों को समझ में नहीं आ रहा था। मैंने संविधान को उठाना शुरू किया और अचानक लोगों को समझ में आ गया कि संविधान देश की असली ताकत है।”

संविधान और जाति आधारित जनगणना पर विचार

राहुल गांधी ने आगे कहा, “अगर संविधान नहीं रहेगा, तो देश का भविष्य खतरे में होगा। गरीब लोगों ने गहराई से समझा कि यह संविधान को बचाने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है। जाति आधारित जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया। ये चीजें अचानक एक साथ आ गईं। मुझे नहीं लगता कि भाजपा एक निष्पक्ष चुनाव में 246 तक पहुंच सकती है।”

आरएसएस की आलोचना

राहुल गांधी ने आरएसएस की आलोचना करते हुए कहा, “आरएसएस कहता है कि कुछ राज्य दूसरों से inferior हैं, कुछ भाषाएं अन्य भाषाओं से पीछे हैं, कुछ धर्म अन्य धर्मों के समान नहीं हैं और कुछ समुदाय दूसरों से inferior हैं। हर राज्य का अपना इतिहास और परंपरा है। आरएसएस की विचारधारा यह है कि तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी जैसी भाषाएं पिछड़ी हुई हैं। यही लड़ाई है। ये लोग (आरएसएस) भारत को नहीं समझते।”

निष्कर्ष

राहुल गांधी के वीडियो और उनकी टिप्पणियां राजनीति और मीडिया में गर्मागरम चर्चा का विषय बनी हुई हैं। ‘INDI एलायंस’ और ‘India Alliance’ के बीच का भ्रम, भाजपा और कांग्रेस के बीच की राजनीतिक लड़ाई को और भी तीव्र बना रहा है। राहुल गांधी की विदेश यात्रा के दौरान की गई टिप्पणियां भारतीय राजनीति के वर्तमान परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और इनके संभावित प्रभावों का मूल्यांकन आगामी चुनावों में किया जाएगा।

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