Odisha: ओडिशा के बौध जिले के एक गाँव में एक दर्दनाक घटना में, सांप के काटने से तीन बहनों की मौत हो गई और उनके पिता की हालत गंभीर बनी हुई है। रविवार रात को हुई इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यह दुखद घटना टिकरपाड़ा पंचायत के चरियापल्ली गांव में घटित हुई।
सांप के काटने से तीन बहनों की मौत
पुलिस ने सोमवार को इस घटना की जानकारी दी। मृतकों की पहचान स्मृतिरेखा मलिक (12), सुभारेखा मलिक (9) और सुरभी मलिक (3) के रूप में की गई है। तीनों बहनों के साथ ही उनके पिता सुरेंद्र मलिक को भी सांप ने काट लिया था, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
करेत सांप के काटने का संदेह
रविवार की रात, जब सुरेंद्र मलिक अपने परिवार के साथ सो रहे थे, तभी अचानक उनकी बेटियों की तबियत बिगड़ने लगी। लड़कियों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और उनकी हालत गंभीर हो गई। यह देखकर सुरेंद्र मलिक ने देखा कि उनके पास एक सांप रेंग रहा था। उन्होंने तुरंत अपनी पत्नी को बुलाया और परिवार के सभी सदस्यों को जिला अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने पर तीनों बहनों को मृत घोषित कर दिया गया। सुरेंद्र मलिक की हालत भी गंभीर बनी हुई है और उन्हें बौध जिला अस्पताल से बुरला के वीआईएमएसएआर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि यह संभव है कि करेत सांप ने तीनों बहनों को काटा हो।
ओडिशा में सांप के काटने से मौत के आंकड़े
यह घटना सिर्फ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना नहीं है, बल्कि यह ओडिशा में सांप के काटने से होने वाली मौतों की एक कड़ी का हिस्सा है। हर साल, ओडिशा में लगभग 2500 से 6000 लोग सांप के काटने का शिकार होते हैं, जिनमें से 400 से 900 लोगों की मौत हो जाती है। 2023-24 में, कम से कम 1011 लोगों की मौत सांप के काटने से हुई है। इस साल भी अब तक 240 लोगों ने सांप के काटने के कारण अपनी जान गंवाई है।
सरकारी सहायता
ओडिशा सरकार द्वारा सांप के काटने से मरने वाले लोगों के परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इस दुखद घटना के बाद भी, राज्य सरकार द्वारा परिवार को सहायता राशि प्रदान की गई है।
सांप के काटने से बचाव के उपाय
इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सावधानियाँ बरतना बेहद जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में सांप के काटने के मामले अधिक होते हैं, इसलिए सावधानी बरतना और सुरक्षा के उपाय करना अनिवार्य है।
1. सुरक्षित आवास: ग्रामीण इलाकों में घरों को सांपों से सुरक्षित बनाने के लिए नियमित सफाई और घर के चारों ओर घास और झाड़ियों को काटना चाहिए।
2. रात को सावधानी: रात के समय सोते समय बिस्तर के चारों ओर मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा, बिस्तर को ऊँचाई पर रखना चाहिए ताकि सांप आसानी से न पहुंच सके।
3. शिक्षा और जागरूकता: ग्रामीण क्षेत्रों में सांपों की पहचान और उनसे बचने के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाना आवश्यक है।
4. आपातकालीन उपचार: सांप के काटने के तुरंत बाद प्राथमिक उपचार किया जाना चाहिए। इसके लिए नजदीकी अस्पताल में तुरंत संपर्क करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
ओडिशा के बौध जिले की यह घटना एक दिल दहला देने वाली त्रासदी है, जिसने सभी को हिला कर रख दिया है। यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को सांपों से बचाव के लिए कितनी सावधानी बरतनी चाहिए। इसके साथ ही, सरकार और समाज को मिलकर ऐसी घटनाओं से बचने के लिए व्यापक जागरूकता फैलाने और उचित सुरक्षा उपाय करने की जरूरत है।
इस त्रासदी ने यह साबित किया है कि सतर्कता और समय पर कदम उठाने से ऐसे हादसों से बचा जा सकता है। पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए, हम सभी से आग्रह करते हैं कि इस प्रकार की घटनाओं से सीख लेकर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएं।