Uttarakhand: पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण ज्योंतिरमठ-मलारी हाईवे दूसरे दिन भी बंद, मसूरी और यमुनोत्री की स्थिति जानें

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Uttarakhand: उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्र को जोड़ने वाला ज्योंतिरमठ-मलारी हाईवे दूसरे दिन भी बंद रहा है। शनिवार को एक बार फिर पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण भारी मलबा हाईवे पर आ गिरा। इसी बीच, मसूरी में कफलानी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया है। यह हाईवे सुबह 5 बजे से बंद है, और मलबा हटाने के लिए मौके पर जेसीबी मशीन लगाई गई है।

ज्योंतिरमठ-मलारी हाईवे की स्थिति

ज्योंतिरमठ-मलारी हाईवे, जो सीमावर्ती क्षेत्र को जोड़ता है, लगातार पत्थरों के गिरने से प्रभावित हो रहा है। शुक्रवार रात से ही पत्थर और मलबा हाईवे पर गिर रहा है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। BRO (Border Roads Organisation) ने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है, लेकिन पहाड़ी से लगातार पत्थर गिरने के कारण काम में रुकावट आ रही है। इस स्थिति को देखते हुए, हाईवे को सुचारू रूप से खोलने में समय लग सकता है।

मसूरी में राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति

मसूरी में कफलानी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबे के कारण बंद है। सुबह 5 बजे से बंद इस राजमार्ग पर मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। लगातार मलबा गिरने के कारण यातायात प्रभावित हो रहा है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यमुनोत्री हाईवे पर स्थिति

यमुनोत्री हाईवे पर भी स्थिति काफी खराब है। खासकर खराड़ी-कुथनौर के बीच मलबा और पत्थर गिरने की समस्या उत्पन्न हो रही है। इससे यातायात प्रभावित हो रहा है और भक्तों और स्थानीय लोगों को खुद पत्थर हटाकर वाहनों को आगे बढ़ाना पड़ रहा है। हर दिन मलबा और पत्थर गिरने की समस्या के कारण सड़क पर यात्रा करना खतरनाक हो गया है।

स्थानीय नागरिकों और सुरक्षा बलों को परेशानियों का सामना

ज्योंतिरमठ-मलारी हाईवे की बंदी के कारण सेना, ITBP (Indo-Tibetan Border Police) और ग्रामीणों की आवाजाही भी प्रभावित हो रही है। सीमा क्षेत्र में रहने वाले गांवों जैसे लाता, सुरैठोटा, भल्ला गांव, तमक, जेलम, मलारी, नीति, फरिकिया आदि की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। इस स्थिति के कारण आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं और गांवों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया और आगे की योजना

स्थानीय प्रशासन और BRO ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मलबा हटाने का काम शुरू किया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों और यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा से पहले स्थिति की जानकारी लें और आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित विकल्पों का उपयोग करें। जैसे-जैसे मलबा हटाने का काम चलता है, उम्मीद की जा रही है कि शनिवार तक स्थिति में सुधार होगा और हाईवे को फिर से खोल दिया जाएगा।

निष्कर्ष

उत्तराखंड में हो रही इस निरंतर बारिश और भूस्खलन ने ज्योंतिरमठ-मलारी और मसूरी के राष्ट्रीय राजमार्गों को प्रभावित कर दिया है। यात्रियों, स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन और BRO द्वारा की जा रही त्वरित कार्रवाई के बावजूद, स्थिति को सामान्य होने में समय लग सकता है। इस स्थिति को देखते हुए, यह आवश्यक है कि सरकार और प्रशासन भविष्य में ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए बेहतर उपाय करें ताकि जनता की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जा सके।

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