Ganesh Chaturthi 2024: गणपति बप्पा मोरया की गूंज से सजेगा हर घर और पंडाल, भव्य सजावट और ईको-फ्रेंडली मूर्तियों की धूम
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी का पर्व 2024 में धूमधाम से मनाया जाएगा। शनिवार से भजन और गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनाई देने लगेगी। आज गणेशजी की स्थापना घरों और पंडालों में की जाएगी। गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 बजे से दो घंटे 31 मिनट तक रहेगा।
गणेश चतुर्थी के लिए तैयारियां:
राजधानी में गणेश चतुर्थी के लिए सभी तैयारियां शुक्रवार को पूरी कर ली गईं। पंडालों को भव्य तरीके से सजाया गया है ताकि गणपति बप्पा का स्वागत किया जा सके। श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर, परम विहार में भी भव्य सजावट की गई है। मंदिर में हर दिन भजन और कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। कारीगरों ने भी गणेशजी की मूर्ति को शानदार रूप प्रदान किया है।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और तिथियां:
अचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होता है। पंचांग के अनुसार, चतुर्थी 6 सितंबर को शाम 3 बजे शुरू होगी और 7 सितंबर को शाम 5:37 बजे समाप्त होगी। इस स्थिति में, उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार को मनाया जाएगा। गणेशजी की स्थापना का शुभ समय सुबह 11:03 बजे से 1:34 बजे तक रहेगा।
ईको-फ्रेंडली मूर्तियों की लोकप्रियता:
शहर के बाजारों में गणेश बप्पा की मूर्तियों की धूम मची हुई है। गणेशजी की मूर्तियों में भगवान शिव, राधा-कृष्ण और श्रीराम के रूप भी देखे जा सकते हैं। ईको-फ्रेंडली मिट्टी की मूर्तियां लोगों की पहली पसंद बन गई हैं। लाल बाग गणेश, मूषक के साथ गणेश, डमरू के साथ गणेश जैसी मूर्तियां दुकानों में उपलब्ध हैं। ये मूर्तियां मेरठ, आगरा और कोलकाता से मंगाई गई हैं।
कुछ महिलाएं स्वयं मूर्तियों की तैयारी कर रही हैं। छोटी मूर्तियां ₹30 से ₹50 तक उपलब्ध हैं। मिट्टी की छोटी गणेशजी की मूर्ति ₹200 की कीमत पर मिल रही है। वहीं, दो से दो और आधे फीट की मूर्तियों की कीमत ₹1500 से शुरू होती है। झूला और चाँद पर बैठी गणेशजी की मूर्तियों की कीमत ₹6000 से ₹8000 तक है।
पांच फीट ऊँची मूर्तियों की कीमत:
पांच फीट ऊँची मूर्तियों की कीमत ₹20,000 से ₹30,000 के बीच है। हरियाणा की निवासी कारीगर बबली ने बताया कि वह हर साल अपने परिवार के साथ गणेशजी की मूर्तियों का निर्माण करती हैं। वे चॉक मिट्टी और प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) का उपयोग करती हैं। वे त्योहार से पांच महीने पहले काम शुरू कर देती हैं। मूर्ति बनाने के बाद, वे इसे स्वयं पेंट भी करती हैं।
मिट्टी की मूर्ति को सूखने में समय:
कारीगर बबली ने बताया कि मिट्टी की मूर्ति को सूखने में कई दिन लगते हैं। इसके लिए विशेष प्रकार की शादू मिट्टी का उपयोग किया जाता है। इस मिट्टी को अच्छी तरह गूंथा जाता है और गणेशजी का आकार देने के बाद इसे सुखाया जाता है। अच्छी तरह सूखने के बाद, मूर्ति को रंगाई और सजावट की जाती है।
निष्कर्ष:
गणेश चतुर्थी 2024 का पर्व आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर, घरों और पंडालों में गणेशजी की स्थापना की जाएगी और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। ईको-फ्रेंडली मूर्तियों की बढ़ती लोकप्रियता और भव्य सजावट इस पर्व को और भी खास बना रही है। गणेशजी की मूर्तियों की विशेषताएं और तैयारियों के साथ, इस साल का गणेश चतुर्थी पर्व सचमुच अविस्मरणीय होगा।