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Uttarakhand: महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की क्रांतिकारी पहल – 50% सब्सिडी पर वाहन योजना

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Uttarakhand: महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और बालिकाओं के स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार उन्हें 50 प्रतिशत सब्सिडी पर वाहन उपलब्ध कराएगी। इस योजना के तहत महिलाएं बाइक, स्कूटी, ऑटो और कार खरीद सकेंगी, और इसके लिए उन्हें केवल 50 प्रतिशत ही कीमत चुकानी होगी। शेष 50 प्रतिशत की राशि सरकार द्वारा लोन के रूप में दी जाएगी। इस महत्त्वपूर्ण योजना का नाम “महिला सारथी योजना” रखा गया है, जिसका पहला चरण देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों से शुरू किया जाएगा।

Uttarakhand: महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की क्रांतिकारी पहल - 50% सब्सिडी पर वाहन योजना

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम पहल

महिला सारथी योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और बालिकाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसके तहत उन्हें वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे वे परिवहन सेवाओं में आत्मनिर्भर हो सकें। साथ ही, इस योजना का एक अन्य उद्देश्य महिलाओं में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देना है, ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपने कार्य कर सकें और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें।

महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य के अनुसार, इस योजना के लिए केंद्र सरकार के निर्भया फंड का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य का परिवहन विभाग महिलाओं और बालिकाओं को मुफ्त प्रशिक्षण और ड्राइविंग लाइसेंस भी प्रदान करेगा, ताकि वे अपने वाहनों का संचालन सुगमता से कर सकें।

पहले चरण में 200 महिलाओं को मिलेगा लाभ

महिला सारथी योजना का पहला चरण उत्तराखंड के चार प्रमुख जिलों- देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल में लागू किया जाएगा। इस चरण में 200 महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना को सुचारु रूप से क्रियान्वित करने के लिए अब तक तीन महत्वपूर्ण बैठकों का आयोजन हो चुका है। 2 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस योजना पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री के “विजन 2025” के तहत यह योजना राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

योजना का विस्तार अन्य जिलों में भी होगा

महिला सारथी योजना को पहले चरण में चार जिलों में लागू किया जाएगा, लेकिन इसे राज्य के अन्य जिलों में भी जल्द ही विस्तार दिया जाएगा। पहले चरण की सफलता के बाद इस योजना को पूरे राज्य में लागू किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिल सके। इस योजना से न केवल महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका भी मिलेगा।

महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षा और स्वावलंबन का प्रतीक

यह योजना महिलाओं के लिए न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें समाज में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी मदद करेगी। निर्भया फंड के तहत महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षा संबंधी योजनाओं को वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को सुरक्षित और स्वावलंबी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। इसके साथ ही, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने से समाज में उनकी स्थिति और मजबूत होगी, और वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकेंगी।

कैसे मिलेगा महिलाओं को योजना का लाभ?

महिला सारथी योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए महिलाओं को कुछ महत्वपूर्ण शर्तों को पूरा करना होगा। यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास परिवहन सेवाओं के क्षेत्र में काम करने का उत्साह और जज्बा है। इसके लिए महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग द्वारा एक ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके माध्यम से योग्य महिलाएं योजना के लिए आवेदन कर सकेंगी। आवेदन प्रक्रिया में सभी आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के बाद, चयनित महिलाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे और शेष 50 प्रतिशत राशि के लिए उन्हें लोन दिया जाएगा।

निःशुल्क ड्राइविंग प्रशिक्षण और लाइसेंस की सुविधा

महिला सारथी योजना के तहत वाहन प्राप्त करने वाली महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस और प्रशिक्षण के लिए भी कोई खर्च नहीं करना होगा। राज्य का परिवहन विभाग उन्हें निःशुल्क ड्राइविंग प्रशिक्षण और लाइसेंस प्रदान करेगा। यह एक अहम कदम है, क्योंकि इससे महिलाओं को वाहन चलाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे आसानी से परिवहन सेवाओं में अपना योगदान दे सकेंगी।

महिला सारथी योजना: महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम

महिला सारथी योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना महिलाओं को न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर भी बनाएगी। इसके अलावा, महिलाओं की सुरक्षा और उनके स्वाभिमान को बढ़ावा देने के लिए भी यह योजना एक मील का पत्थर साबित होगी।

निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार की महिला सारथी योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें समाज में एक सम्मानित स्थान प्रदान करने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं अपनी आजीविका के साधन स्वयं जुटा सकेंगी और आत्मनिर्भर बन सकेंगी। साथ ही, इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना भी विकसित होगी। राज्य सरकार का यह कदम निश्चित रूप से महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिससे समाज में महिलाओं की स्थिति और भी सशक्त होगी।

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