Uttarakhand: उत्तराखंड की शांत वादियों में फिर से दरिंदगी, स्कूल जा रही नाबालिग का अपहरण कर चार युवकों ने की घिनौनी हरकत
Uttarakhand: उत्तराखंड की शांत वादियों में एक बार फिर से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां स्कूल जा रही एक नाबालिग छात्रा के साथ चार युवकों द्वारा अपहरण और दुर्व्यवहार का मामला प्रकाश में आया है। घटना से क्षेत्र में गहरी नाराजगी और आक्रोश का माहौल है। बताया जा रहा है कि चार युवकों ने स्कूल जाते समय नाबालिग छात्रा को नशे की गंध सुंघाई, जिससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे एक अज्ञात स्थान पर ले जाकर उसके साथ घिनौनी हरकत की गई। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि नाबालिग के साथ बलात्कार किया गया हो।
POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज
घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। नाबालिग का मेडिकल परीक्षण करवाया जा रहा है, जिससे बलात्कार की पुष्टि हो सके। पुलिस के अनुसार, यह घटना बुधवार को हुई, जब नाबालिग छात्रा अपने घर से सुबह स्कूल के लिए निकली थी। रास्ते में चार युवकों ने उसे नशे की गंध सुंघाकर अगवा कर लिया और सुनसान स्थान पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी हरकत की।
नाबालिग की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती
घटना के कुछ घंटों बाद जब लड़की किसी तरह घर पहुंची, तो उसकी हालत देख घरवाले सकते में आ गए। परिवारवालों ने जब उससे पूछताछ की, तो वह कुछ भी बता पाने में असमर्थ थी। इसके बाद परिवार ने स्कूल प्रबंधन से संपर्क किया, लेकिन वहां से पता चला कि लड़की उस दिन स्कूल आई ही नहीं थी। काफी देर बाद जब लड़की ने अपनी आपबीती बताई, तो परिवारवालों ने तुरंत लोहाघाट थाने में जाकर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
लड़की की स्थिति बिगड़ने पर उसे चंपावत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि पीड़िता के परिवार की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। पुलिस आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस ने दी मामले को जल्द सुलझाने की जानकारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी अजय गणपति ने पुलिस को जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नाबालिग का मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि उसके साथ बलात्कार हुआ है या नहीं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा और दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
जनाक्रोश और आंदोलन की चेतावनी
घटना के बाद लोहाघाट क्षेत्र में लोगों में भारी आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने लोहाघाट पुलिस थाने का घेराव किया और आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की। लोगों ने पुलिस को अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि गुरुवार सुबह 10 बजे तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तो वे आंदोलन करेंगे।
बुधवार को नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनीष झुकरिया और पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष गोविंद वर्मा के नेतृत्व में लोगों ने पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस स्टेशन के घेराव की जानकारी मिलते ही एसपी अजय गणपति और सीओ वंदन वर्मा भी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया।
पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार की मांग
प्रदर्शनकारियों ने एसपी से लोहाघाट पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार करने और इलाके में नियमित गश्त करने की मांग की। लोगों का कहना था कि यदि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो यह घटना टाली जा सकती थी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस को इस मामले में सख्ती दिखानी चाहिए और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए।
वहीं, तेेेलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित रीता गहतोरी ने भी एसपी को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है और लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि इस मामले में पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया पर नाराज हैं। व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष दानु सुटेड़ी, महासचिव विवेक ओली, अमित साह, अधिवक्ता नवीन मुरारी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष भूपाल सिंह मेहता, राज्य आंदोलनकारी राजू गडकोटी, सतीश खर्कवाल, संजय बिष्ट, कीर्ति बगौली, दीपक सुटेड़ी समेत कई प्रमुख लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल थे।
समाज की जिम्मेदारी और सुरक्षा की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि समाज और प्रशासन नाबालिग बच्चों की सुरक्षा के प्रति कितने गंभीर हैं। आए दिन हो रही इस प्रकार की घटनाएं बताती हैं कि नाबालिग बच्चों की सुरक्षा के लिए सिर्फ कानूनों का होना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनका सख्ती से पालन भी किया जाना चाहिए।
परिवारों को भी चाहिए कि वे बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें और उन्हें जागरूक करें कि किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत परिवार या पुलिस से संपर्क करें। इसके साथ ही, स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को भी बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि वे स्कूल जाते और लौटते समय सुरक्षित महसूस करें।
निष्कर्ष
लोहाघाट की इस घटना ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया है। एक नाबालिग के साथ हुई इस बर्बरता ने न केवल मानवता को शर्मसार किया है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या हम अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान कर पा रहे हैं? पुलिस और प्रशासन को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और आरोपियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
इस घटना से समाज को यह सीख लेनी चाहिए कि नाबालिगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इसके लिए न केवल कानूनों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए, बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़ानी चाहिए।