Uttarakhand News: उत्तराखंड की सरकार राज्य में जनसंख्या बदलाव को लेकर चिंतित नजर आ रही है। विशेष रूप से पहाड़ी जिलों के साथ-साथ मैदानी जिलों में एक विशेष समुदाय की जनसंख्या के तेजी से बढ़ने को देखते हुए सरकार राज्यभर में एक बड़े पैमाने पर सत्यापन अभियान चलाने की तैयारी कर रही है।
जनसंख्या वृद्धि पर सरकारी चिंता
पिछले 10-11 वर्षों में राज्य के चार जिलों, जिसमें राजधानी देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और नैनीताल शामिल हैं, में एक विशेष समुदाय के लोगों ने न केवल बड़ी संख्या में भूमि खरीदी है, बल्कि उनकी बसावट भी तेजी से बढ़ी है। सीमा क्षेत्रों में भी विशेष समुदाय की जनसंख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार को सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में एक सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बाहरी राज्यों से आने वाले और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों पर नजर रखने की भी बात की। उन्होंने राज्य के सीमा क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने और रात की गश्त प्रणाली को मजबूत करने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री का पुलिस मुख्यालय पर अचानक दौरा
बुधवार की दोपहर करीब 12:30 बजे, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का काफिला सचिवालय से उनके निवास के लिए रवाना हुआ, लेकिन निवास की ओर जाने के बजाय काफिला पुलिस मुख्यालय की ओर मुड़ गया। जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला पुलिस मुख्यालय में पहुंचा, पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
डीजीपी अभिनव कुमार सहित सभी उच्च अधिकारियों ने अपने कार्यालयों से बाहर आकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर नाराज दिखाई दिए और सीधे महिला सुरक्षा हेल्पलाइन के कार्यालय में गए। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने लूट और डकैती जैसे गंभीर अपराधों के मामलों में उठाए गए कदमों की भी जानकारी ली। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तेजी से और कड़ी कार्रवाई की दिशा में निर्देश दिए, जिसमें कानून और व्यवस्था के साथ खेलने वाले अराजक तत्वों को भी शामिल किया गया।
परिवर्तन और लव जिहाद पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री ने परिवर्तनों और लव जिहाद के मामलों पर त्वरित कार्रवाई करने और राज्य में कानून और व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर एडीजी अमित कुमार सिन्हा, वी. मुरुगेशन और एपी अंशुमान, अतिरिक्त सचिव गृह निवेदिता कुकरेती आदि उपस्थित थे।
पुलिस अधिकारियों की जमीनी निरीक्षण की सलाह
मुख्यमंत्री ने उच्च पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उस पुलिस थाना क्षेत्र का दौरा करें जहाँ उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी और क्षेत्रीय निरीक्षण करें। प्रशिक्षण अवधि के दौरान, आईपीएस अधिकारियों को पहले एक पुलिस थाना में तैनात किया जाता है, जिसके बाद प्रशिक्षण को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पुलिस अधिकारी निरीक्षण करें, तो उन्हें संबंधित पुलिस थाना की पुलिसिंग को मजबूत करने के सुझाव देने चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को पारंपरिक शैली से अलग हटकर काम करने की सलाह दी।
महिला आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी देने की बात
मुख्यमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को नियंत्रित करने और पीड़ितों को न्याय प्रदान करने के लिए वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी देने की बात की। अधिकारियों को आपस में समन्वय बढ़ाने, जानकारी को जल्दी आदान-प्रदान करने और खुफिया तंत्र को मजबूत करने की सलाह देते हुए, मुख्यमंत्री ने उन क्षेत्रों में निगरानी प्रणाली बढ़ाने का निर्देश दिया जहां अपराध की गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं।
उन्होंने पुलिस कर्मियों को समय-समय पर साइबर अपराध और अन्य तकनीकी आधारित प्रशिक्षण देने की भी बात की।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह निर्णय राज्य में जनसंख्या बदलाव, महिलाओं के खिलाफ अपराध और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक सख्त रुख को दर्शाता है। सत्यापन अभियान, पुलिस अधिकारियों की जमीनी निरीक्षण और महिला आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदारी देने का कदम सरकार की गंभीरता और समर्पण को स्पष्ट करता है। यह घटनाक्रम राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को मजबूत करने और नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।