Uttarakhand: नैनीताल हाई कोर्ट में बंबूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत याचिका की सुनवाई के बाद, जस्टिस रविंद्र मैथानी की एकल पीठ ने यह तय किया कि इस मामले की सुनवाई एकल पीठ करेगी या डिवीजन बेंच। कोर्ट ने कहा कि जमानत देने का सवाल नहीं है, बल्कि यह सवाल है कि यूएपीए के तहत मामलों की सुनवाई एकल पीठ करेगी या डिवीजन बेंच।
सोमवार को कोर्ट ने निर्णय दिया कि इस मामले की सुनवाई डिवीजन बेंच द्वारा की जाएगी। इसके आधार पर, कोर्ट ने जमानत याचिका को निपटा दिया और डिवीजन बेंच के समक्ष अपील करने की छूट प्रदान की। सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि चूंकि इस मामले में यूएपीए लागू है, इसलिए डिवीजन बेंच को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए। डिवीजन बेंच पहले से ही इस तरह के मामलों की सुनवाई कर रही है और कई मामलों की सुनवाई कर चुकी है। वहीं, आरोपी की ओर से कहा गया कि इस मामले की नियमित पुलिस जांच की जा रही है, इसलिए इसे एकल पीठ द्वारा सुना जा सकता है। इसके लिए कई सुप्रीम कोर्ट के निर्णय भी प्रस्तुत किए गए और कहा गया कि डिवीजन बेंच उन मामलों की सुनवाई कर सकती है जिनकी एनआईए ने जांच की है और विशेष अदालत ने इन्हें खारिज किया है।
इस बीच, सत्र अदालत ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया है और नियमित पुलिस ने मामले की जांच की है। सरकार की ओर से भी कहा गया कि आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं जैसे यूएपीए के तहत मामले दर्ज हैं और वह दंगों में मुख्य आरोपी है। इसलिए, एकल पीठ इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकती।