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Uttarakhand: छह योजनाएं बनेंगी गेम चेंजर, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत; लागत करीब 10 हजार करोड़

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Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार शहरों में बढ़ती ट्रैफिक दबाव को कम करने और यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए लगातार नई योजनाओं पर काम कर रही है। इसी कड़ी में, लोक निर्माण विभाग वर्तमान में छह गेम चेंजर परियोजनाओं की योजना बना रहा है।

Uttarakhand: छह योजनाएं बनेंगी गेम चेंजर, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत; लागत करीब 10 हजार करोड़

इन परियोजनाओं का अनुमानित खर्च लगभग 10 हजार करोड़ रुपये है और ये तीन साल में पूरी होंगी। राज्य के गठन के बाद, यदि किसी शहर में सबसे अधिक ट्रैफिक दबाव बढ़ा है तो वह है अंतरिम राजधानी देहरादून। इस वजह से लोक निर्माण विभाग की छह गेम चेंजर परियोजनाओं में से पांच इस जिले में हैं।

परियोजनाओं का विवरण:

1. रिस्पना और बिंदल नदी पर चार लेन का ऊंचा सड़क:

  • रिस्पना पुल से नागल पुल तक: 10.946 किमी की दूरी, लागत 2509 करोड़ रुपये।
  • बिंदल पुल से कागरी चौक तक: 14.800 किमी की दूरी, लागत 3743 करोड़ रुपये।

2. अजबपुर ROB से मोहनकपुर ROB तक ऊंचा सड़क:

  • 2.50 किमी लंबा, लागत लगभग 452 करोड़ रुपये।

3. ऋषिकेश बायपास:

  • नेपाली फार्म से गरुड़ाचट्टी तक, 17.88 किमी लंबा बायपास जिसमें पांच जगहों पर सुरंगें प्रस्तावित हैं। लागत 2400 करोड़ रुपये।

4. देहरादून-मसूरी कनेक्टिविटी:

  • सुद्घोवाला से मसूरी लाइब्रेरी चौक तक 40 किमी की सड़क, लागत 3700 करोड़ रुपये।

5. देहरादून ऊंचा रिंग रोड:

  • 40 किमी लंबा रिंग रोड, जो जोगीवाला से आशारोड़ी तक जाएगा। लागत का अभी अनुमान लगाया जा रहा है।

6. हल्द्वानी पेरिफेरल रिंग रोड:

  • हल्द्वानी शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए, लागत 544 करोड़ रुपये।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में इस संबंध में एक बैठक की और नेशनल हाईवे अथॉरिटी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इन कामों की गति बढ़ाने का निर्देश दिया है।

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