Delhi Metro के रिकॉर्ड तोड़ने के बावजूद, रेड, ब्लू और पिंक लाइन पर समस्या क्या है?
Delhi Metro में यात्रियों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे मेट्रो नए रिकॉर्ड बना रही है। पिछले एक साल में मेट्रो में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या के रिकॉर्ड चार बार टूट चुके हैं। लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि यात्रियों की बढ़ती भीड़ के बावजूद, तीन मुख्य लाइनों पर मेट्रो ट्रेनों की संख्या में कमी आई है।
ये लाइन्स हैं:
- रेड लाइन (रिथाला-समयपुर बादली)
- ब्लू लाइन (द्वारका सेक्टर 21-इलेक्ट्रॉनिक सिटी नोएडा/वैशाली)
- पिंक लाइन (मजलिस पार्क-मौजपुर)
जनवरी 2018 से अप्रैल 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, रेड और ब्लू लाइन पर चार-चार ट्रेनों की कमी आई है, जबकि पिंक लाइन पर सात ट्रेनों की कमी देखी गई है। इस कमी के कारण मेट्रो की आवृत्ति कम हो गई है। ब्लू लाइन दिल्ली मेट्रो की दूसरी सबसे व्यस्त लाइन है।
पहले इस लाइन पर 59-61 ट्रेनों का संचालन होता था। मार्च 2019 में इस लाइन का विस्तार नोएडा सिटी सेंटर से इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक किया गया था। इसके बाद अप्रैल 2019 से ब्लू लाइन पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 64 कर दी गई थी। कोरोना काल को छोड़कर, दिसंबर 2021 तक इस लाइन पर औसतन 63-64 ट्रेनें हर महीने चलती थीं। लेकिन दिसंबर 2022 से हर महीने औसतन 60 ट्रेनें चल रही हैं। इस दौरान कुछ महीनों में केवल 58 और 59 ट्रेनें भी चल रही थीं।
रेड लाइन का मार्च 2019 में विस्तार दिलशाद गार्डन से न्यू बस अड्डा गाजियाबाद तक किया गया था। तब इस लाइन पर 33-34 ट्रेनें चल रही थीं। जून 2023 से अप्रैल इस वर्ष तक औसतन 30-31 ट्रेनें चल रही हैं। पिछले दिसंबर से लगातार 30 ट्रेनें चल रही हैं।
पिंक लाइन पर मेट्रो संचालन मार्च 2018 से अगस्त 2021 तक पांच चरणों में शुरू हुआ था। प्रारंभ में 14 ट्रेनें चलती थीं, जो बढ़कर 41 हो गईं। लेकिन पिछले 13 महीनों से 32-34 ट्रेनें लगातार चल रही हैं। येलो लाइन, ग्रीन लाइन, मैगेंटा लाइन, ग्रे लाइन, और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर ट्रेनें कम नहीं हुई हैं। वायलेट लाइन पर भी एक-दो ट्रेनें कम हुई हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) का कहना है कि अगस्त 2018 के कामकाजी दिनों की तुलना में इस साल अगस्त में 20 प्रतिशत अधिक ट्रेनें चल रही हैं। कोचों की संख्या में भी 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हालांकि, DMRC ने स्वीकार किया है कि रेड लाइन पर ट्रेनों की संख्या कम रही है, लेकिन अधिक कोचों का उपयोग किया गया है।
DMRC के नेटवर्क में 336 ट्रेनें (2326 कोच) हैं, जो वर्तमान यातायात दबाव को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। वर्तमान में, इन चार लाइनों पर कुल 182 ट्रेनें और 1288 कोच चल रहे हैं।