Kolkata Murder Case: ममता सरकार पर अन्नपूर्णा देवी का हमला, 48 हजार बलात्कार केस लंबित, फास्ट ट्रैक कोर्ट कब?
Kolkata Murder Case: कोलकाता में हुए बलात्कार और हत्या के मामले में CBI जांच चल रही है। इस बीच, महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखते हुए राज्य सरकार की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि राज्य में बलात्कार और POCSO के 48 हजार से अधिक मामले लंबित हैं, लेकिन ममता सरकार ने 11 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स को शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में अन्नपूर्णा देवी ने महिला हेल्पलाइन (WHL), इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS) और चाइल्ड हेल्पलाइन जैसी महत्वपूर्ण आपातकालीन हेल्पलाइन्स को लागू न करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई।
ममता सरकार को बार-बार याद दिलाने के बावजूद…
देवी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बार-बार याद दिलाने के बावजूद राज्य ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य बलात्कार से संबंधित मामलों के विशाल बैकलॉग के बावजूद फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) को चालू करने में असमर्थ है। 25 अगस्त को लिखे गए पत्र में मंत्री ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानूनी ढांचा और न्यायिक प्रक्रियाओं को लागू करने की जरूरत पर जोर दिया।
2023 तक कोई फास्ट ट्रैक कोर्ट चालू नहीं हुआ
FTSC योजना अक्टूबर 2019 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बलात्कार और बाल यौन अपराध संरक्षण (POCSO) अधिनियम से संबंधित लंबित मामलों की सुनवाई और निपटारे में तेजी लाना था। मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल को 123 FTSC आवंटित किए थे, जिनमें 20 विशेष POCSO कोर्ट और 103 संयुक्त कोर्ट शामिल थे। हालांकि, जून 2023 के मध्य तक इनमें से कोई भी कोर्ट चालू नहीं हुआ। देवी ने बताया कि राज्य सरकार के जून 2023 में सात FTSC शुरू करने के वादे के बावजूद, 30 जून 2024 तक केवल छह विशेष POCSO कोर्ट ही चालू किए गए हैं।
48 हजार मामले लंबित क्यों हैं?
देवी ने कहा कि इस देरी के चलते राज्य में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित हैं। मंत्री ने राज्य सरकार की निष्क्रियता पर गंभीर चिंता व्यक्त की और शेष 11 FTSC को चालू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने जुलाई 2024 में देश भर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए लागू किए गए भारतीय न्यायिक संहिता की महत्ता को भी रेखांकित किया।
ममता सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग
मंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार से तत्काल और प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया ताकि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव और हिंसा को समाप्त किया जा सके। उन्होंने एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण बनाने की मांग की, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा दे और महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाए।