Uttarakhand: टिहरी में बादल फटने से 13 गांवों में भूस्खलन, ग्रामीणों ने बचाई जान

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Uttarakhand के टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक में मंगलवार रात को बादल फटने से भारी तबाही हुई। भिलंग Patti में हुए बादल फटने के कारण 13 गांवों में भूस्खलन हुआ, जिससे गांवों में मलबा और पत्थर भर गए। इस आपदा के कारण दो घर पूरी तरह से तबाह हो गए और तीन घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। पूर्व जिला पंचायत सदस्य केदार बर्थवाल ने बताया कि 15 हजार की जनसंख्या आपदा से भयभीत होकर पूरी रात जागती रही। कुछ ग्रामीण पंचायत भवन, स्कूल और पड़ोसियों के घरों में चले गए।

भूस्खलन से हुई तबाही

भिलंगाना ब्लॉक में बारिश के साथ ही पानी और मलबा घरों में घुसने लगा। गांवों में पत्थरों और मलबे की भरमार हो गई। भूस्खलन के कारण 14 मवेशी भी गौशालाओं के ढहने से मलबे के नीचे दब गए। कई गांवों की बिजली, पानी और संचार लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य के लिए गांवों में पहुंच गई है। घुट्टू गांव के दो परिवारों के 10 ग्रामीणों को नवजीवन आश्रम में शिफ्ट किया गया है।

पिछली बार भी हुआ था कहर

जुलाई के अंतिम सप्ताह में भी टिंगरह, टोली और झखान्याली गांवों में आपदा ने कहर बरपाया था। तबाही से प्रभावित लोग अब तक विस्थापित नहीं हुए हैं। मंगलवार रात को भिलंग Patti के कई गांवों में भूस्खलन और मलबा फिर से कहर बनकर बरपा।

रात करीब 11 बजे, गांवों के चारों ओर बह रहे नालों में पानी भरने लगा। यह पानी मलबे के साथ घरों की ओर मुड़ गया। हालांकि, ग्रामीण अपने घरों से बाहर आ गए थे, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। 13 गांवों को ज्यादा नुकसान हुआ है। अन्य नौ नजदीकी गांवों के लोग भी भय के कारण नींद नहीं ले पाए।

मलबे से घरों का तबाही

घुट्टू के मलेठी टोक और जोगियाड़ा गांव की धनपति देवी के घर मलबे से तबाह हो गए। दुर्गा देवी और उनके बेटे ने किसी तरह जान बचाई। दोनों परिवारों के 10 ग्रामीणों को नवजीवन आश्रम में शिफ्ट किया गया है।

थाती भिलंग, संकरी, मलेठा, लोम, चक्रगांव, समंगांव, मिसवाली, भटगांव, अंकवान, रैतगांव, जोगियाना, भेलुंटा गांव की पीने के पानी की लाइनें भी भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बिजली की आपूर्ति खाल, गवाना मल्ला, गवाना टल्ला, सत्तियाला, गेवाल कूड़ा, मिंडू, सिंडवाल गांव, भटगांव, कैलबागी, चक्रगांव, जुगादगांव, चैतवार गांव, देवला, घुट्टू गांव में बंद हो गई है।

सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन

पूर्व जिला पंचायत सदस्य केदार बर्थवाल ने बताया कि 15 हजार की जनसंख्या आपदा से डरकर पूरी रात जागती रही। शाम 7 बजे से भारी बारिश शुरू हुई थी, जो देर रात तक जारी रही। लगातार बारिश के कारण ग्रामीण पहले से ही अपने घरों से बाहर जाने लगे थे। कुछ ग्रामीण पंचायत भवन, स्कूल और पड़ोसियों के घरों में चले गए। गवाना मल्ला गांव के निवासी कमल सिंह ने बताया कि सुरिला देवी, भामा देवी, हयात सिंह आदि ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लिया। सुबह देखा गया कि घर मलबे से भर गए थे। घुट्टू के मलेठी टोक में भी पत्थरों और मलबे से काफी नुकसान हुआ है।

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