Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने परिवार पेंशन के नियमों में बदलाव का फैसला किया है। यह निर्णय तब लिया गया जब एक पूर्व खेल अधिकारी की तलाकशुदा बेटी ने इस मुद्दे को उठाया।
अब अगर बेटी माता-पिता की मृत्यु के बाद तलाकशुदा होती है, तो भी उसे परिवार पेंशन का हक मिलेगा। राज्य सरकार इस बदलाव को लागू करने जा रही है ताकि राज्य कर्मचारियों की तलाकशुदा बेटियों को परिवार पेंशन का लाभ मिल सके।
सोमवार को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब यह प्रस्ताव राज्य कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। केंद्रीय सरकार और उत्तर प्रदेश में पहले ही यह संशोधन किया जा चुका है। मौजूदा व्यवस्था के तहत, एक सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके आश्रितों को परिवार पेंशन प्राप्त होती है।
परिवार पेंशन का 30 प्रतिशत भाग कर्मचारी की पेंशन से दिया जाता है। अब तक तलाकशुदा बेटी की परिभाषा के अनुसार, जो बेटी तलाक की प्रक्रिया पूरी कर चुकी थी जबकि माता-पिता जीवित थे, उसे ही पात्र माना जाता था।
तलाकशुदा बेटी का मामला उठाया
वित्त मंत्री के अनुसार, इस शर्त को बदलकर अब नए नियम लागू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर बेटी का तलाक की प्रक्रिया माता-पिता के जीवित रहते शुरू हो चुकी है और निर्णय बाद में आता है, तो भी वह परिवार पेंशन के लिए पात्र होगी।
यह निर्णय सरकार को पूर्व खेल अधिकारी की तलाकशुदा बेटी द्वारा उठाए गए मामले के बाद लेना पड़ा। खेल अधिकारी की बेटी ने तर्क किया कि उसका तलाक की प्रक्रिया 2019 में शुरू हुई थी जब उसके पिता जीवित थे। कुछ समय बाद, पिता की मृत्यु मई 2022 में हो गई और मां की मृत्यु 2018 में हो चुकी थी। इस स्थिति में, वह परिवार पेंशन की वास्तविक पात्र है। इस विषय पर लंबे समय से चर्चा चल रही थी।