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This village of Nainital is in danger: धरती का धंसना, घरों में दरारें, लोग जी रहे हैं डर के साए में

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This village of Nainital is in danger: गौरखपुर के खूपी गांव के लोग बारिश के मौसम में फिर से भयावह स्थिति का सामना कर रहे हैं। पिछले कई वर्षों की तरह, इस बार भी बारिश के चलते गांव की जमीन धंस रही है और घरों में दरारें पड़ रही हैं। इसके कारण कई परिवार अपने घरों के बाहर रहने को मजबूर हैं, जबकि कई लोग अपने घरों में ही रहने को मजबूर हैं। लोगों की आखिरी उम्मीद जिला प्रशासन है, हालांकि बहुत से लोग अब निराश हो चुके हैं।

This village of Nainital is in danger: धरती का धंसना, घरों में दरारें, लोग जी रहे हैं डर के साए में

खूपी गांव में 2012 से भूस्खलन की समस्या चल रही है। पिछले 12 वर्षों से लगातार भूमि धंस रही है, जिसके कारण गांव के कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं। हर साल लोग दरारों को भरने की कोशिश करते हैं, लेकिन हर बारिश के मौसम में ये दरारें फिर से उभर आती हैं। लोग आज भी डर के साए में जी रहे हैं।

हाल ही में, खूपी गांव में एक बार फिर भूस्खलन का सामना करना पड़ा। गांव के ढलानों में मिट्टी का कटाव जारी है, जिससे घरों और सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारें बन रही हैं। परिवारों को डर है कि घरों की दीवारें टूट सकती हैं, इसलिए वे अपने घरों को छोड़कर कहीं और रह रहे हैं, लेकिन वहां अपने मवेशियों को भी रखना पड़ रहा है।

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने पिछले महीने इलाके का दौरा किया था। इस दौरान लोगों ने सुरक्षा की अपील की थी। डीएम वंदना सिंह के निर्देश पर, एसडीएम और सिंचाई टीम ने 30 जुलाई को क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद, डीएम ने सिंचाई विभाग को गांव की सुरक्षा के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक योजनाओं को तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

स्कूल में भी दरारें

भूस्खलन के कारण खूपी गांव के प्राथमिक स्कूल में भी दरारें आ चुकी हैं। बारिश के दौरान स्कूल में पढ़ाई कर रहे 12 बच्चों को भी डर का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षक बताते हैं कि दरारें लगातार बढ़ रही हैं और हर साल भरने के बावजूद दरारें फिर से उभर जाती हैं।

सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई योजनाएं

सिंचाई विभाग के सहायक इंजीनियर डी.डी. सती ने बताया कि क्षेत्र का निरीक्षण किया गया है। पाइन गधेरे में तेजी से बहने के कारण गांव के ढलानों पर मिट्टी का कटाव हो रहा है। जिला प्रशासन के निर्देश पर, सिंचाई विभाग ने 15 लाख और 14.5 लाख रुपए के तात्कालिक योजनाओं का प्रस्ताव तैयार किया है। बजट मिलने के बाद, सुरक्षा कार्य शुरू किए जाएंगे।

भविष्य की योजनाएं

एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि खूपी गांव में भूस्खलन और मिट्टी के कटाव की समस्या की जांच की जा रही है। जल्द ही गांव का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट के आधार पर दीर्घकालिक योजना बनाई जाएगी। वर्तमान में, सिंचाई विभाग द्वारा तैयार की गई तात्कालिक योजना को प्राकृतिक आपदा समिति के समक्ष रखा जाएगा। बजट जारी होने के बाद सुरक्षा कार्य शुरू किए जाएंगे।

गांववासियों का दर्द

गांववासी बताते हैं कि हर दीवाली को घर की मरम्मत करनी पड़ती है, लेकिन हर मानसून में दरारें फिर से उभर आती हैं और सड़कें भी टूट जाती हैं। भारी बारिश के दौरान नींद नहीं आती और हर वक्त डर लगा रहता है।

निर्मला पाल: “हम हर दीवाली को घर की मरम्मत करते हैं, लेकिन मानसून में दरारें फिर से उभर आती हैं।”

पूजा: “दरारें बढ़ गई हैं और रात के समय घर की दीवारों की आवाज से डर लगता है।”

पद्मा देवी: “भूस्खलन के कारण हम घर में रहना डरावना मानते हैं। अब हमारी एकमात्र उम्मीद प्रशासन से है।”

लिलाधर आर्य: “पाइन गधेरे से भूमि कटाव हो रहा है और पूरा परिवार रात को डर के साए में बिताता है।”

भविष्य की सुरक्षा योजनाएं

खूपी गांव का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया गया है। विशेषज्ञों की सलाह से दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। जिला प्रशासन से तत्काल सुरक्षा कार्यों के लिए लगभग 25 लाख रुपये मंजूर किए जा रहे हैं और शीघ्र ही सुरक्षा कार्य शुरू किए जाएंगे।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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