Uttarakhand: उत्तराखंड में वृद्धों के लिए एक अलग आवास नीति बनाई जाएगी। इस नीति का ड्राफ्ट सरकार स्तर पर तैयार कर लिया गया है, जिस पर विभिन्न विभागों की राय ली जा रही है। सभी पहलुओं की समीक्षा के बाद, इस नीति को कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।
इस नीति का सीधे तौर पर लाभ गरीब, मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को होगा। राजधानी देहरादून को भी सेवानिवृत्त लोगों का शहर माना गया है, जहां बड़ी संख्या में रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी निवास करते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवास की सुविधा को सरल बनाने के उद्देश्य से सरकार यह नीति ला रही है।
नीति के तहत उपलब्ध सुविधाएँ
इस नीति के लागू होने के बाद, जो भी घर बिल्डर्स बनाएंगे, उनमें भूमि उपयोग परिवर्तन, मंजिल क्षेत्र अनुपात (FAAR) में छूट जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उद्देश्य यह है कि ऐसे घर बनाए जाएं जो केवल वृद्धों के लिए हों और उनकी सुविधाओं के अनुसार हों।
इन घरों में वृद्धों की आवश्यकताओं के अनुसार रैंप, खुला क्षेत्र, नजदीकी अस्पताल, मनोरंजन के साधन, योग, पूजा स्थल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की अकेलापन या परेशानी का सामना न करना पड़े।
सभी वर्गों के वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधाएं
इस आवास नीति में केवल उच्च वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों का ही नहीं, बल्कि निम्न आय वर्ग के लोगों के सपने भी पूरे किए जाएंगे। सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
केंद्रीय सरकार की पहल
केंद्रीय सरकार ने इस साल के अंतरिम बजट में पीएम आवास योजना के तहत दो करोड़ घरों का निर्माण करने की घोषणा की थी। इनमें से कुछ जमीन के फ्लोर को केवल वरिष्ठ नागरिकों या विकलांग गरीबों को दिया जाएगा। इससे गरीब वरिष्ठ नागरिकों को भी राहत मिलेगी।